शास्त्रों के अनुसार, एक बार भीम ने व्यास जी के मुख से बिना भोजन किए एकदशी को रखने का नियम सुना। उन्होंने कहा महाराज! मुझे बहुत भूख लगती है मैं बिना खाए नहीं रह सकता। उन्होंने व्यास जी से निवेदन किया कि वे उन्हें कुछ ऐसा उपाय बताएं जिसमें वे एक व्रत करें और उन्हें सालभर की 24 एकादशी का पुण्य मिल जाए। जब व्यास जी ने भीमसेन से कहा- ‘अगर तुमसे सालभर के 24 एकादशी व्रत न हो पाये तो तुम केवल एक निर्जला व्रत कर लो, इससे सालभर की एकदशी करने का फल तुम्हें एक बार में ही मिल जाएगा।’ इसके बाद भीम ने ऐसा ही किया और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई।
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से अच्छे स्वास्थ और सुखद जीवन की मनोकामना पूरी होती है। इस बार एकादशी 13 जून को है। एक साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं। लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है तब इसकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इस व्रत मे पानी पीना वर्जित है इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। निर्जला एकादशी पर निर्जल रखकर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और दीर्घायु और मोक्ष का वरदान प्राप्त किया जा सकता है।