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इस साल 12वीं कक्षा ( 12th class ) में कुल 23,52,049 बच्चों ने परीक्षा दी। इसमें से 16,47,919 बच्चे ही पास हो सके और लगभग 30 फीसदी बच्चे फेल हो गए। वहीं नजर अगर पिछले सालों पर दौड़ाए तो साल 2015 में 12वीं कक्षा में कुल 27,64,277 बच्चों ने परीक्षा दी थी। जिसमें से 24,55,496 बच्चे पास हुए और 11.17 फीसदी बच्चे फेल हो गए थे। वहीं 2016 में 12.01, 2017 में 17.38 और साल 2018 में ये आंकड़ा 27.57 फीसदी पहुंच गया। साल 2018 में 26,04,093 बच्चों में 18,86,050 बच्चे ही पास हुए थे। अब जरा ये भी जान लीजिए कि लगातार फेल होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी कैसे हो रही है।
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दरअसल, साल 2017 में योगी सरकार ( Yogi Government ) के गठन होने के बाद से ही सरकार की तरफ से बिना नकल के परीक्षा करवाने पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया। ऐसे में बच्चों के फेल होने का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ा है। माना जा रहा है कि पहले की तुलना में बच्चों की नकल पर काफी रोक लगाई गई है। परीक्षा के दौरान चैकिंग में बढ़ोतरी की गई है। टीचर से लेकर चैकर्स की नजर बच्चों पर रहती है।