जिला अस्पताल के वार्ड के हाल-बेहाल
जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू के मरीजों के उपचार के लिए किसी तरह की व्यवस्थाएं नहीं है। जिला अस्पताल प्रबंधन ने भी साफ कर दिया है कि अस्पताल में आने वाले संदिग्धों को एमडी मेडीसिन विशेषज्ञ नहीं होने के कारण सीधे भोपाल के लिए रैफर किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर अस्पताल में तैयार किया गया स्वाइल फ्लू वार्ड में ताला लटका हुआ है। पत्रिका की पड़ताल में स्वाइन फ्लू वार्ड में लगे पलंग में मोटी धूल जम रही थी। आठ पलंग के बार्ड में पक्षियों ने चारों ओर गंदगी फैलाई हुई थी। इतना ही नहीं, वार्ड में गर्मी के बाद बंद हुए कूलर और अन्य कबाड़ को आधे वार्ड में पर्दा खींच कर रखवा दिया गया था।
सर्दी खांसी के मरीजों की ओपीडी भी नहीं बदली
स्वाइन फ्लू अलर्ट के बाद अस्पताल में आने वाले सर्दी खांसी के मरीजों की आेपीडी को भी अलग करने का प्रावधान है, लेकिन जिले में अब तक हुई दो मौतों के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया है। सर्दी खांसी के मरीजों की सामान्य मरीजों के साथ ही ओपीडी है।
सैंपल लेने के लिए कोई ट्रेंड डॉक्टर नहीं
जिला अस्पताल में एन१एच१ के सैंपल लेने के लिए कोई ट्रेंड डॉक्टर नहीं है, जबकि विशेष ट्रेनिंग के बाद डॉक्टर सैंपल लेते हैं। संक्रमण से बचने के लिए विशेष पोषक उपलब्ध कराई जाती है। जिसके बाद जांच के लिए सैंपल को भोपाल भेजा जाता है।
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जिम्मेदार के बोल
महिला की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट है और स्वाइन फ्लू है। हमने उनके घर में सभी एक्टीविटी पूरी करा ली है। परिजनों को टेमी फ्लू की दवाएं भी दी है।
– जेएस अवास्या, सीएमएचओ होशंगाबाद