इटारसी। जीसी फाइव के पास रेल पथ का प्वाइंट रेल विभाग के लिए समस्या का कारण बन रहा है। इस प्वाइंट पर डिरेलमेंट की घटनाएं आम हो गई हैं। दो दिन में ही दूसरी बार सोमवार तड़के पौने 4 बजे फिर एक इंजन उसी प्वाइंट पर पटरी से उतर गया, जहां पहले उतरा था। करीब डेढ़ घंटे की कवायद के बाद सुबह करीब साढ़े पांच बजे इंजन को वापस पटरी पर लाया जा सका।
जानकारी के अनुसार डीजल इंजन 40047 शंटिंग के लिए ले जाया जा रहा था। जीसी फाइव केबिन के पास ही सुबह करीब 3 बजकर 43 मिनट पर अचानक ही इंजन पटरी से उतर गया और कुछ दूरी तक चला गया। इंजन के पटरी छोडऩे से रेलवे ट्रेक को भी नुकसान हुआ। सूचना मिलने पर रेलवे का तकनीकी अमला मौके पर पहुंचा और इंजन को पटरी पर लाने की कवायद शुरू की गई। करीब डेढ़ घंटे की कवायद के बाद सुबह करीब साढ़े पांच बजे इंजन को पटरी पर लाया जा सका।
रविवार को भी हुआ था हादसा
रविवार दोपहर 2 बजे जबलपुर की ओर से आने वाली पवन एक्सप्रेस दोपहर करीब 2 बजे इटारसी पहुंची थी। इस ट्रेन को डीजल इंजन क्रमांक डब्ल्यूडीपी फोर डी 40245 लेकर आया था। डीजल इंजन क्रमांक डब्ल्यूडीपी फोर डी 40245 को अलग करने के बाद उसे डीजल शेड में मेंटनेंस के लिए भेजा गया था। बता दें कि जीसी फाइव केबिन के पास इंजन अचानक पटरी से उतर गया था। करीब 3 घंटे की मेहनत के बाद शाम 5 बजे इंजन को पटरी पर लाया जा सका था।
शनिवार को डीजल शेड में हादसा
शनिवार को डीजल शेड में शेड के पिट नंबर 10 पर डीजल इंजन नंबर 11277 का मेंटनेंस किया जा रहा था। करीब एक दर्जन रेलकर्मी इंजन की मरम्मत कर रहे थे। इसी दौरान इंजन नंबर 18770 ने पिट नंबर 10 पर मौजूद इंजन को जोरदार टक्कर मार दी थी। यहां काम कर रहे रेलकर्मियों ने जान बचाने के लिए इंजन के ऊपर से छलांग लगा दी थी। पिट नंबर 10 पर खड़े इंजन 11277 का मेंटनेंस कर रहे प्रेमपाल सिंह टेक्नीशियन, प्रदीप पटिल हेल्पर, टीकाराम चौधरी टेक्नीशियन और पाइंट्समेन राजेश पटेल हादसे में घायल हुए थे।
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