बुधवार को पहाड़ों पर गिर रहे लगातार पानी से अनेक झरने फूट पड़े हैं, नागद्वारी मेले में आए श्रद्धालु प्राकृतिक झरनों को देख उस का आनंद उठा रहे हैं। पर्यटक प्राकृतिक छटा को कैमरे में कैद कर रहे हैं। बारिश में पचमढ़ी भ्रमण का सबसे बेहतर अवसर माना जाता है। पहाड़ों मैदानों पर नई हरी दूब निकल आती हैं। नैसर्गिक सुंदरता के स्थल पचमढ़ी का स्वरूप ही मनभावन हो जाता है। धार्मिक नजरिये से यह भोले शंकर की न नगरी मानी जाती है। साल में शिव रात्रि और नागपंचमी पर दो धार्मिक मेले लगते हैं।
सारनी. सतपुड़ा डैम सारनी से छोड़ा 17 हजार क्यूबिक फ़ीट पानी। तवा नदी उफान पर। तवा नदी में बाढ़ से लोनिया पंचायत और पुनर्वास कैंप के दर्जनों गांवों का संपर्क शहरी क्षेत्र से टूट गया है। लेवल बढऩे पर बुधवार सुबह 9:30 बजे 7 गेट 3-3 फ़ीट की ऊंचाई पर खोले गए हैं। आज से सतपुड़ा का लेवल 1431 फ़ीट मेंटेन किया जाएगा। जलाशय की कुल क्षमता 1433 फ़ीट है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से डैम का लेवल बढ़ रहा है। जिसे मेंटेन करने 4 दिनों से लगातार गेट खोले जा रहे हैं। बीते 24 घंटे में सारनी क्षेत्र में 47 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है। इसी के साथ बारिश का आंकड़ा 461 एमएम पर पहुच गया है।