पढ़ें ये खास खबर- बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान ‘निवार’, पूर्वी इलाकों में बारिश के आसार, फिर पड़ेगी कड़ाके की ठंड
देखे खबर से संबंधित वीडियो…
लगातार बढ़ रहा है प्रदूषण स्तर
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। किसानों के पास इसके अलावा कोई आसान विकल्प भी नहीं है। इस कारण देश की अर्थव्यवस्था के असली नायक अन्नदाता किसान पर्यावरण के खलनायक रूप में आते जा रहे हैं। किसानों के साथ जुड़ी दिक्कतों को समझे बिना इसका हल नहीं निकल सकता। खेतीहर मजदूरों की कमी और फसल की कटाई में हार्वेस्टर के उपयोग से पराली बड़ी समस्या बन गयी है और इसका समाधान किसान को जेल पहुंचाकर नहीं निकाला जा सकता। इसके लिए सरकारों को सहयोगी बनकर रास्ता निकालना होगा।
पढ़ें ये खास खबर- करियर को लेकर हैं परेशान, तो CCM संस्था कर रही है समाधान, अब तक सैकड़ों लोगों को फायदा
वैज्ञानिकों की सलाह पर बनाएंगे बायोगैस
बताया गया है कि, कृषि वैज्ञानिकों के साथ विचार विमर्श कर प्रदेश में पराली से उपयोगी बायोगैस बनाने के उपाय पर अमल शुरू किया जा रहा है। बहुत जल्द आवश्यक प्लांट की स्थापना के लिए पहल की जाएगी। इससे किसानों और शासन के लिए संकट बनी पराली का बेहतर उपयोग हो सकेगा। पराली से बनी इस बायोगैस का सीएनजी वाहनों सहित अन्य क्षेत्रों में उर्जा के तौर पर इस्तेमाल हो सकेगा।