इस तरह अवैध खदान में कोयला चोरी की जानकारी प्रशासन को भी है। समय-समय पर खनिज विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिए करवाई की जाती है। लेकिन अवैध और जोखिम भरा काम बदस्तूर जारी है। करीब १ मिनट ११ सेकेंड यह वीडियो प्रशासन की कार्रवाई की पोल खोल रहा है। वीडियो अवैध खदान और प्रशासन की अनदेखी की हकीकत बयां कर देगी।
शासकीय सेवा में कार्यरत एक अधिकारी द्वारा पत्रिका से चर्चा में नाम न छापने की शर्त पर बताया गया कि डुल्हारा में जमीन के भीतर सुरंग और कुंआ आकार की अवैध खदानें खोद ली है। जिनकी लंबाई 10 से 25 मीटर तक लंबी है। रात 9 बजते ही अवैध खदान में सीएफएल बल्व और टॉर्च की रोशनी में ड्रिलिंग मशीन से रोजाना करीब 100 टन कोयला निकाला जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि रात के समय इस क्षेत्र में प्रवेश करना जोखिम भरा होता है। लेकिन हमें आपातकालीन सेवा देने आवागमन करना पड़ता है।
हादसे के बाद पत्रिका में लगातार प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेकर वेकोलि प्रबंधन हरकत में आ गया है। मंगलवार के अंक में दुर्घटना को अभी भी आमंत्रण दे रहे क्षतिग्रस्त भवन की खबर के बाद एसओ सिविल समेत वेकोलि अमला मौके पर पहुंचकर भवन गिराने योजना बनाई। साथ ही खदान प्रांगण को समतल कर वन विभाग को सौंपने की तैयारी जोरशोर से शुरू कर दी है। खासबात यह है कि इस हादसे से भी लोगों ने सबक नहीं लिया है और पुन: कोयला चोरी शुरू कर दी है।