एमपी के सभी कलक्टर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, नगर निगमों व नगर पालिकाओं के जिम्मेदारों को जारी शासनादेश में बताया गया है कि प्रदेश के विभिन्न जगहों पर डिसिन्फेक्शन टनल या चैंबर बनाए जा रहे हैं लेकिन यह टनल/चैंबर मानव स्वास्थ्य के लिए सही नहीं हैं। क्योंकि इन टनल/चैंबर में सोडियम हाईपोक्लोराइट(sodium hypochlorite)/अल्कोहल (alcohal)का प्रयोग हो रहा है जो मानव शरीर के लिए स्वास्थ्यकारी नहीं है। अव्वल यह कि यह शरीर या कपड़ों को पूरी तरह से संक्रमणमुक्त नहीं कर पाता, दूसरा यह कि उल्टे इसके शरीर पर स्प्रे से आंखों व शरीर के विभिन्न अंगों में जलन होता है, गले में खराश की शिकायतें, त्वचा संबंधी कई प्रकार की दिक्कतों के अलावा फेफड़ों से संबंधित कई परेशानी रिपोर्ट की गई है। इस केमिकल के प्रयोग पर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी एडवाइजरी जारी किया है।
जारी शासनादेश में बताया गया है कि जहां जहां ऐसे टनल या चैंबर बने हैं, उसका प्रयोग कर चुके लोग न तो शारीरिक दूरी बनाने में रूचि ले रहे हैं ना ही हाथ साफ करने को महत्व दे रहे हैं। इस टनल से गुजरने के बाद एक भ्रम की स्थिति भी पैदा हो जा रही कि व्यक्ति पूरी तरह से संक्रमण मुक्त हो चुका है। आदेश में यह साफ कहा गया है कि ऐसे टनल या चैंबर न बनाए जाएं।