अब बनारस से लाए हुए पात्र एवं बनारस की तर्ज पर आरती की जाती है। संयोजक प्रशांत दुबे ने बताया कि पहले दो सौ श्रृद्धालु शामिल होते थे, अब हजारों की संख्या में श्रृद्धालु महाआरती में पहुंचते हैं।
पंडि़त घनश्याम शर्मा ने बताया कि गंगा दशहरा शहर में उत्साह से मनाया जाएगा। श्रद्धालु दिनभर मां नर्मदा का स्नान कर शाम को माँ नर्मदा की महाअरती सेठानी घाट पर 551 दीपों से करेंगे। प्रशांत दुबे (मुन्नू भैया) ने बताया पहले नर्मदा अभिषेक, श्रीरामचरित मानस का पाठ और फिर महाआरती की जाएगी।
आचार्य सोमेश परसाई ने बताया कि आज के दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए गंगा की उत्पत्ति और इनके मात्र दर्शन से सारे पापों का नाश होता है। इसलिए आज के दिन नर्मदा में स्नान और दान करने से अधिक महत्व मिलता है।
सेठानीघाट पर हर अमावस्या, पूर्णिमा एवं नए साल के आगाज में महाआरती होती है। कई सालों से आचार्य सोमेश परसाई और अब धनश्याम शर्मा आरती को सम्पन्न कराते आ रहे हैं।
ड्डशोभायात्रा के साथ अंखड रामधुन संकीर्तन नृत्य के साथ गंगा दशहरा शुरू मंगलवार से दो दिवसीय गंगा दशहरा का शुभारंभ शोभायात्रा के साथ किया गया। शोभायात्रा दादाकुटी नर्मदा मिशन संस्थापक भैया जी सरकार के सानिध्य में निकाली गई। जिसमें पंचवटी व नर्मदा जलकलश की स्थापना के पश्चात अखंड रामधुन संकीर्तन भी हुआ। गंगा दशहरा पर अनेकों जिलों के संकीर्तन मंडलों में होशंगाबाद के अलावा जबलपुर, डिंडोरी, गाडरवाड़ा, छिंदवाड़ा, बीना, भोपाल, विदिशा के भक्त शामिल हुए। आज प्रसादी भंडारे के साथ समर्थ सृष्टि पत्रिका का विमोचन व खेल एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट विद्यार्थी समर्थ अंलकरण से सम्मानित होंगे।