Remove all types of vastu Dosh or architectural defects with this
कई बार भवन निर्माण के दौरान वास्तु दोष रह जाते हैं। इन्हें दूर करने के लिए भवन में ऊॅ, स्वास्तिक, फेंगसुई आदि शुभ-चिन्हों का उपयोग वास्तु-दोष में काफी हद तक राहत प्रदान करता है। लेकिन क्या आप जानते है कि कहीं आपके घर के किस कोने में भी तो वास्तुदोष का असर नहीं है, क्योंकि यदि हुआ तो यह आपको काफी परेशानियों में डाल सकता है।
दरअसल जानकारों के अनुसार घर में या घर के बाहर कई तरह के वास्तु दोष हो सकते हैं। वहीं इन वास्तु दोषों से कई तरह के रोग या शोक उत्पन्न होते हैं। अत: यदि आपका घर कार्नर का है, तीराहे, चौराहे पर है, दक्षिण दिशा का घर है या घर के अंदर किसी भी प्रकार से वास्तु दोष है तो आप भी कुछ खास उपाय आजमाकर इनसे मुक्ति पा सकते हैं।
ये हैं खास उपाय… वास्तु दोषों से बचाव के संबंध में वास्तु के जानकार बीडी गुप्ता कहते हैं, कि वास्तु दोषो को दूर करने के कई उपाय हैं। यानि एक ही तरह के वास्तु दोष को दूर करने के अलग अलग उपाय। इसके अलावा सभी तरह के वास्तु दोषों को ठीक करने के उपाय काफी आसान भी हैं।
1. दरवाजे आमने सामने ही हो तो : यदि आपके मुख्य दरवाजे के बाद का हाल या कमरा बड़ा है तो आप दूसरे दरवाजे के ठीक सामने कुछ दूरी पर प्लायवुड का एक द्वार बराबर का पाट लगाएं और उसपर कोई अच्छी सी पेंटिंग लगा दें। वहीं यदि आपके मुख्य दरवाजे के बाद भीतर के दरवाजे भी एक ही सीध में हैं तो यह भी वास्तुदोष निर्मित करता है। इसके लिए घर में बीच वाले दरवाजे के मध्य मोटा परदा लगाएं या विंड चाइम लगाएं।
2.कर्पूर – वास्तु दोष मिटाए : यदि घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष निर्मित हो रहा है तो वहां एक कर्पूर की 2 टिकियां रख दें। जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तब दूसरी दो टिकिया रख दें। इस तरह बदलते रहेंगे तो वास्तुदोष निर्मित नहीं होगा।
4. दक्षिण मुखी घर : यदि आपका घर दक्षिणमुखी है, तो आप सबसे पहले घर के सामने दरवाजे से करीब दोगुनी दूर पर नीम का एक पेड़ लगाएं। दूसरा यह कि अपने द्वार के ऊपर पंचमुखी हनुमान का चित्र लगाएं, इसके अलावा आदमकद दर्पण भी लगा सकते हैं। वहीं मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड लगवाने से भी वास्तुदोष समाप्त होता है।
5. हर दोष को दूर करें श्री गणेश: श्री गणेश कलयुग के देव कहलाते हैं, ऐसे में गणेशजी की पत्थर की दो मूर्ति बनवाएं, जिनकी पीठ आपस में जुड़ी हो। इस जुड़ी गणेश प्रतिमा को मुख्य द्वार के बीचों-बीच चौखट पर फिक्स कर दें, ताकि एक गणेशजी अंदर को देखें और एक बाहर को। माना जाता है कि श्रीगणेश के सम्मुख शुभ और पीछे दरिद्रता होती है, लेकिन दोनों ही तरफ श्री गणेश ही होने से सभी ओर शुभ ही होता है।
6. उत्तर-पूर्व में कैसा भी दोष हो : यदि उत्तर-पूर्व यानि ईशान दिशा में किसी भी प्रकार का दोष है तो आप इस दिशा को खाली करके इस दिशा में एक पीतल के बर्तन में जल भरकर रख दें या तुलसी का पौधा लगाकर उसमें नित्य जल देते रहें। पीतल के बर्तन का पानी नित्य बदलते रहें।
7. सुंदर कांड या रामचरित का पाठ : घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए समय समय पर रामचरित का पाठ या सुंदरकांड का पाठ करवाते रहें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकाल जाएगी।
8. किसी भी प्रकार का वास्तु दोष : घर में किसी भी प्रकार से वास्तु दोष है तो घर को स्वास्तिक चिन्ह सहित पौधों से सजाएं। घर में पीले, गुलाबी और हल्के नीले रंग का उपयोग करें। दक्षिण की दिशा में भारी सामान रखें जैसे लोहे की अरमारी, पलंग, फ्रीज आदि। वहीं कई वास्तु दोष के मामलों में घर की वस्तुओं के स्थान को बदलकर भी इसे ठीक किया जा सकता है।
9. एक साथ – बाथरूम और टॉयलेट : यदि घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ हों तो यह भी भयंकर वास्तु दोष उत्पन्न करता है। इसके लिए सबसे पहले आप इसे हमेशा स्वच्छ रखें। नीले रंग के मग और बाल्टी ही रखें।
एक कटोरे में खड़ा नमक भरकर बाथरूम-टॉयलेट के किसी कौने में रखें। यदि गलती से आपका शौचालय ईशान कोण में बन गया है तो फिर यह बहुत ही धनहानि और अशांति का कारण बन जाता है। प्राथमिक उपचार के तौर पर उसके बाहर शिकार करते हुए शेर का चित्र लगा दें।
10.शयन कक्ष : सिर हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर ही रखना चाहिए। वैसे तो दक्षिण-पश्चिमी दिशा में होना चाहिए या उत्तर दिशा भी ठीक है लेकिन यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिए।