वहीं जानकारों के अनुसार जिस प्रकार हाथों में भाग्य रेखा होती है, ठीक उसी प्रकार पैरों में भी पद्मरेखा (भाग्य रेखा) पाई जाती है। दरअसल हाथ की रेखाओं का हस्तरेखा विज्ञान में जितना महत्व है उतना ही महत्व पैर की बनावट और तलवे में मौजूद रेखाओं और चिह्नों का भी है। हस्तरेखा विज्ञान में कई जगह भगवान विष्णु के पगतल में मौजूद रेखाओं और चिह्नों का उल्लेख किया गया है।
सामुद्रिक शास्त्र में भी अंगों की बनावट और उनके रंग रूप को देखकर भविष्य के बारे में बनाया जाता है, और आम बोलचाल की भाषा में इसे हस्तरेखा कहते हैं। क्या आप जानते हैं कि व्यक्ति के पैरों की बनावट और इनकी कुछ विशेष बातों के आधार पर भविष्य के बारे में बताया जाता है।
भगवान विष्णु के पैरों में मौजूद जिन चिन्हों को हस्तरेखा विज्ञान में बहुत ही शुभ बताया गया है। यह चिह्न जिनके पैरों में मौजूद होते हैं वह बड़े ही सौभाग्यशाली होते हैं। ऐसे कुछ चिह्न भगवान राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध, महावीर जैन के पैरों में होना बताया जाता है।
माना जाता है कि इस तरह के चिह्न जिन व्यक्तियों के पैरों में मौजूद होते हैं वह व्यक्ति कभी न कभी जरुर धनवान बनते हैं। इन्हें समाज में प्रतिष्ठा मिलती है। यहां आपको ऐसे ही कुछ चिह्नों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में मान्यता है कि यदि यह आपके पैरों में मौजूद हों तो आप एक न एक दिन प्रतिष्ठित और धनवान व्यक्ति बनेंगे।
पुरुषों का दायां पैर और स्त्रियों का बायां पैर फलादेश के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि स्त्रियों के दाएं एवं पुरुषों के बाएं पैर में स्थित रेखाओं का महत्व नहीं होता है। माना जाता है कि स्त्रियों के बाएं एवं पुरुषों के दाएं पैर की रेखाएं 100 प्रतिशत फलदायक होती हैं और पुरुषों के बाएं व स्त्रियों के दाएं पैर की रेखाएं सहायक रेखाएं मानी जाती हैं।
पैर की प्रकृति व उसका असर…
1. पैरों की पद्मरेखा (भाग्य रेखा)- जिस प्रकार हाथ में भाग्य रेखा होती है ठीक उसी प्रकार पैर में यह खड़ी रेखा पाई जाती है। यह रेखा जितनी गहरी, लंबी, स्पष्ट और निर्दोष होती है, जातक उतना ही अधिक सुख-संपत्तियुक्त जीवन-यापन करता है। इसे पद्म रेखा भी कहते हैं। अगर यह रेखा एड़ी के निचले भाग से प्रांरभ होकर अंगुष्ठ तक जाए तो जातक देश-विदेश में प्रसिद्ध सम्राट (राजा) होता है।
2. यदि किसी के पैरों के अंगूठे के नीचे कोई खड़ी रेखा हो तो जातक धनवान, यशस्वी, विद्यावान होता है।
3. पैरों के मध्य से निकलकर तीन रेखाएं साथ चलकर आगे बढ़े और उसमें से एक रेखा अंगुलियों तक पहुंच जाए तो ऐसा जातक परम ऐश्वर्यशाली एवं प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
4. यदि एक खड़ी रेखा लगभग तीन इंच की एड़ी के मध्य स्थित हो तो ऐसा जातक मदिरापान करने वाला तथा अपने स्वजन बंधु-बांधव, पुत्र आदि से विरोध रखता है। उसे अपनी मदिरापान मंडली के मित्र ही अच्छे लगते हैं।
5. पैरों के मध्यभाग से निकलकर एक खड़ी रेखा अंगुलियों तक जाए तो ऐसा व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है। यदि यही रेखा अनामिका उंगली पर जाए तो जातक आलसी होता है।
6. यदि पैरों के मध्य अंगुलियों तक खड़ी रेखा के समकक्ष एक और रेखा हो तो स्त्री या पुरुष राज्याधिकारी, उच्च पदाधिकारी, सुख-समृद्धि एवं वैभव प्राप्त करते हैं।
7. यदि किसी व्यक्ति के पांव बीच में से अधिक उठे हुए हों तो हस्तरेखा विज्ञान में यह माना जाता है कि ऐसे व्यक्ति को घूमने-फिरने का बहुत शौक होता है। ऐसे लोग अक्सर यात्रा पर जाया करते हैं।
8.किसी व्यक्ति के पैर यदि मांसल और कछुए की पीठ की तरह उन्नत और नसविहीन हों तो इन्हें श्रेष्ठ माना गया है। ऐसे लोगों को कभी भी पैसे की तंगी नहीं रहती है।
9. यदि किसी व्यक्ति के पांव के तलवे का रंग पीला है तो ऐसे लोगों में काम भाव अधिक पाया जाता है। ऐसे लोगों के विषय में कहा जाता है कि ये विषय वासना और भोग में लिप्त रहने वाले होते हैं। इनका स्वास्थ्य भी अच्छा नहीं होता।
10. किसी व्यक्ति के पांव का अंगूठा सर्प के फन के समान गोल आकृति वाला, उन्नत तथा मांसयुक्त हो तो वह शुभ माना जाता है। माता लक्ष्मी की कृपा ऐसे लोगों पर बनी रहती है।
11.जिन व्यक्तियों के पैरों की उंगलियां चिपकी हुई और आपस में मिली हुई हों, नाखून सुन्दर हों, एड़ियां मांसल तथा गोलाई लिए हुए हों। ऐसे लोग, खास तौर पर महिलाएं अच्छी किस्मत लेकर पैदा होते हैं। इसके अलावा गुल्फ की हड्डियों का दबा रहना शुभ लक्षण माना जाता है।
12. यदि किसी व्यक्ति के तलवे की रेखाएं स्पष्ट, सरल, सुन्दर, स्पष्ट, निर्दोष तथा एड़ी से तर्जनी तक गई हों ऐसा व्यक्ति परम ऐश्वर्यशाली माना जाता है।
13. यदि अंगूठे पर नसें दिखती हों, वह बहुत छोटा हो या बहुत बड़ा हो, टेढ़ा अथवा चपटा हो वह अशुभ होता है।
14. यदि एड़ी के मध्य चार इंच की कोई रेखा हो तो ऐसे स्त्री या पुरुष चोर प्रवृत्ति के होते हैं।