इन्वर्टर टेक्नोलॉजी क्या होती है ?
अगर आप एक नया AC ख़रीदने जा रहे हैं तो यह आपके लिए जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि इन्वर्टर टेक्नोलॉजी क्या होती है। AC में इन्वर्टर टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक वोल्टेज, करंट और फ्रीक्वेंसी को कंट्रोल करने वाला छोटा सा कंट्रोलर होता है। यह इन्वर्टर AC को कंप्रेसर में पावर की सप्लाई में बदलाव करके कूलिंग या हीटिंग को कंट्रोल करने की सुविधा देता है।
क्षमता में फर्क
इन्वर्टर AC और नॉन-इन्वर्टर AC के बीच काम करने की क्षमता में फर्क होता है। जहां एक तरफ इन्वर्टर AC टेम्परेचर के अनुसार स्पीड बदलता है तो वहीं नॉन-इन्वर्टर AC किसी भी तापमान में एक जैसी स्पीड में रहकर काम करता है और आपके कमरे को ठंडा करता है।
बिजली की होती है बचत
इन दोनों की AC के यूसेज में बिजली के बिल में भी बड़ा फर्क देखने को मिलता है। इन्वर्टर AC कम बिजली का इस्तेमाल करते हुए आपका बिजली बिल कम रखता है तो वहीं नॉन-इन्वर्टर ऐसे किसी ख़ास फीचर से लैस नहीं आता।
इन्वर्टर AC का ऑप्शन सिर्फ Split AC में मिलता है
आपको बता दें कि इन्वर्टर AC का ऑप्शन आपको सिर्फ Split AC में ही मिलता है और यह फीचर आपको Window AC में नहीं मिलेगा। इसके साथ ही नॉन-इन्वर्टर AC की तुलना में इन्वर्टर AC चलते समय काफी कम आवाज़ भी करता है।
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कूलिंग और कीमत खास बात यह है कि नॉन-इन्वर्टर एयर कंडीशनर की तुलना में इन्वर्टर एयर कंडीशनर आपके रूम को जल्दी ठंडा करने में सक्षम होते हैं, लेकिन दोनों की कीमतों में थोड़ा फर्क भी साफ़ देखने को मिलता है।
कंप्रेसर रेगुलेट
इन्वर्टर एयर कंडीशनर कंप्रेसर मोटर की स्पीड को रेगुलेट करता है और जब तक रूम ठंडा ना हो जाये तब तक तेज़ ठंडी हवा देते और जहां आपका रूम ठंडा हो गया वहां इन्वर्टर एसी कंप्रेसर को बंद नहीं होने देता बल्कि बेहद धीमी स्पीड में चलाए रखता है जिससे आपका कंप्रेसर बार-बार ऑन/ऑफ नहीं होती जिस वजह से आपकी बिजली कम खर्च होती है और रूम में भी नॉर्मल टेम्परेचर बना रहता है।
अब ज्यादातर एयर कंडीशनर निर्माता कंपनियां इन्वर्टर AC ही बना रही हैं, हालांकि ये महंगे जरूर होते हैं लेकिन किफायती और उपयोगी भी होते हैं। आप अपने रूम और बजट के हिसाब से इनका चुनाव कर सकते हैं।