Thyroid Control : थायराइड हार्मोन को कंट्रोल कर सकते है ये पांच प्राकृतिक हर्ब्स
जलकुंभी या सेवार
जलकुंभी या सेवार थायराइड में दवा की तरह से काम करते हैं। आसानी से मिलने वाली ये जलकुंभी आयोडिन से भरी होती है और इसके सेवन से हापोथॉयराइडिज्म के मरीजों को बहुत फायदा हो सकता है।सहजन के फल और पत्तियां
सहजन के फल या पत्तियां किसी भी रूप में आप अपनी डाइट में शामिल जरूर करें। ये पोषक तत्वों से भरी होती हैं और थायरॉक्सिन हार्मोन को बढ़ाने का काम करती हैं। शुगर के मरीज के लिए ये इंसुलिन बढ़ाने में भी मददगार होती हैं। सेलेनियम से भरी इसकी पत्तियां और फली आयुर्वेदिक हर्ब्स का खजाना है।
अदरक का सेवन
किचन में मौजूद अदरक भी थायराइड की दवा की तरह काम करता है। पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरा अदरक सूजन दूर करने के साथ ही हार्मोन्स को सही करता है और मूड बूस्टर भी होता है। अदरक को किसी भी रूप में सेवन रोज करने की आदत डाल लें।धनिया का पानी
धनिया के पानी थायरॉइड ग्रंथि की समस्या वालों को पीने के लिए किया जाता रहा है। यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक प्रमुख उपचार है। धनिया में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन की मात्रा अधिक होती है, जो थायराइड को ठीक करने और थायराइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
जीरे का पानी
जीरे में कई औषधीय गुण होते हैं। यह सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि थायराइड जैसे गंभीर समयसा के इलाज में भी सहायक है। थायराइड के मरीजों को आराम पाने के लिए जीरा को चबाकर पानी पीना चाहिए।अश्वगंधा
आयुर्वेद में, अश्वगंधा (Withania somnifera) एक प्रमुख जड़ी-बूटी है जो तनाव को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह भारत और उत्तरी अफ्रीका में प्राकृतिक रूप से उगती है। कुछ छोटे अध्ययनों से पता चला है कि यह तनाव हार्मोन को कम करके हाइपोथायरायडिज्म के इलाज में सहायक हो सकती है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता पर अधिक शोध की आवश्यकता है।Thyroid Control Naturally : आयुर्वेदिक चिकित्सा को मानक उपचार के साथ उपयोग करके थायराइड विकारों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह मानक उपचार का विकल्प नहीं है, क्योंकि इसके प्रभावशीलता को लेकर सीमित शोध उपलब्ध है। इसे पूरक चिकित्सा के रूप में उपयोग करना बेहतर होता है।