टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया से होती है। इस बीमारी में सबसे ज्यादा इफेक्ट लंग्स ही होता है। हांलांकि, टीबी केवल फेफड़े में ही नहीं होती बल्कि ये ब्रेन, हड्डी, मुंह, रीड़ की हड्डी, लिवर आदि कही भी हो सकती है। इसलिए टीबी जानलेवा बीमारी है और इसे कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। तो चलिए जानें टीबी से लड़ने वाले वे 5 हर्ब्स और इस बीमारी में क्या खाएं-क्या नहीं।
टीबी से लड़ने वाले हर्ब्स- Herbs That Fight TB लहसुन (Garlic )
लहसुन में मौजूद एलीसिन और एजोइन टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार होते हैं। इसलिए टीबी के मरीज को अपनी डाइट में रोज लहसुन की कलियां जरूर शामिल करनी चाहिए। ये फेफड़े में जमा बलगम को आसानी से बाहर कर देता है और संक्रमण से लड़ता भी है। लहसुन में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं। रोज सुबह चार से पांच कली लहसुन की खाली पेट खाना बहुत फायदा देगा। इसके साथ ही रात में लहसुन पानी में डाल दें और फिर सुबह उठकर इसका सेवन कर लें। किसी भी रूप में कच्चे लहसुन को जरूर खाएं।
लहसुन में मौजूद एलीसिन और एजोइन टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार होते हैं। इसलिए टीबी के मरीज को अपनी डाइट में रोज लहसुन की कलियां जरूर शामिल करनी चाहिए। ये फेफड़े में जमा बलगम को आसानी से बाहर कर देता है और संक्रमण से लड़ता भी है। लहसुन में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं। रोज सुबह चार से पांच कली लहसुन की खाली पेट खाना बहुत फायदा देगा। इसके साथ ही रात में लहसुन पानी में डाल दें और फिर सुबह उठकर इसका सेवन कर लें। किसी भी रूप में कच्चे लहसुन को जरूर खाएं।
पुदीना (Mint)
ताजे पुदीने की पत्तियां टीबी में बहुत काम आती ह्रैं। एंटीऑक्सीडेंट्स और इम्यूनिटी बूस्टिंग गुण से भरा पुदीना टीबी के इंफेक्शन से लड़ने का काम करता है। पुदीने में एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं और इम्युनिटी को भी बए़ाता है। पुदीना सांस की नली के कंजेशन को दूर कर फेफड़ों को क्लियर करने का काम करता है। इसलिए रोज पुदीने का रस किसी भी तरह से जरूर लें। आप चाहें तो इसे विटामिन सी युक्त फलों के जूस के साथ ले सकते हैं या इसकी चाय भी पी सकते हैं। रोजना कम से कम एक कप के बराबर पुदीने का जूस पीना होगा।
ताजे पुदीने की पत्तियां टीबी में बहुत काम आती ह्रैं। एंटीऑक्सीडेंट्स और इम्यूनिटी बूस्टिंग गुण से भरा पुदीना टीबी के इंफेक्शन से लड़ने का काम करता है। पुदीने में एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं और इम्युनिटी को भी बए़ाता है। पुदीना सांस की नली के कंजेशन को दूर कर फेफड़ों को क्लियर करने का काम करता है। इसलिए रोज पुदीने का रस किसी भी तरह से जरूर लें। आप चाहें तो इसे विटामिन सी युक्त फलों के जूस के साथ ले सकते हैं या इसकी चाय भी पी सकते हैं। रोजना कम से कम एक कप के बराबर पुदीने का जूस पीना होगा।
आंवला (Gooseberry)
विटामिन सी का पावरहाउस आंवला भी टीबी को दूर करने वाला होता है। कच्चा या सूखे आंवले का पाउडर बना कर इसे अपनी डाइट में रोज लेना शुरू कर दें। आंवला संक्रमण से लड़ने के साथ ही इम्युनिटी को भी मजबूत बनाता है। ये टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करता है। एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरे आंवले को आप किसी भी रूप में डाइट में शामिल करें। राजे एक गिलास आंवले का जूस पीएं या दो चम्मच इसका पाउडर गुनगुने पानी से लें। आंवले का पावडर भी शहद मिला कर लेने से इसके औषधिय गुण और बढ़ जाते हैं।
विटामिन सी का पावरहाउस आंवला भी टीबी को दूर करने वाला होता है। कच्चा या सूखे आंवले का पाउडर बना कर इसे अपनी डाइट में रोज लेना शुरू कर दें। आंवला संक्रमण से लड़ने के साथ ही इम्युनिटी को भी मजबूत बनाता है। ये टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करता है। एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरे आंवले को आप किसी भी रूप में डाइट में शामिल करें। राजे एक गिलास आंवले का जूस पीएं या दो चम्मच इसका पाउडर गुनगुने पानी से लें। आंवले का पावडर भी शहद मिला कर लेने से इसके औषधिय गुण और बढ़ जाते हैं।
काली मिर्च (Black Pepper)
टीबी की बीमारी से राहत पाने के लिए काली मिर्च का सेवन करना भी लाभकारी है। काली मिर्च में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो फेफड़े से गंदगी निकालकर उन्हें साफ करने में मदद करता है। काली मिर्च टीबी के कारण होने वाले दर्द से भी राहत दिलाता है और परेशानी को कम करता है। रोज करीब इसके 4-5 दाने लें और इसे तुलसी की पत्तियों के साथ पीसकर शहद मिला कर खाएं।
ग्रीन टी (Green Tea)
ग्रीन टी भी टीबी की बीमारी से राहत दिलाती है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ये टी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को रोगमुक्त करती है। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनॉल टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है। रोज तीन कप ग्रीन टी टीबी से जलदी ही आपको बाहर ले आएगा।
टीबी की बीमारी से राहत पाने के लिए काली मिर्च का सेवन करना भी लाभकारी है। काली मिर्च में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो फेफड़े से गंदगी निकालकर उन्हें साफ करने में मदद करता है। काली मिर्च टीबी के कारण होने वाले दर्द से भी राहत दिलाता है और परेशानी को कम करता है। रोज करीब इसके 4-5 दाने लें और इसे तुलसी की पत्तियों के साथ पीसकर शहद मिला कर खाएं।
ग्रीन टी (Green Tea)
ग्रीन टी भी टीबी की बीमारी से राहत दिलाती है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ये टी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को रोगमुक्त करती है। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनॉल टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है। रोज तीन कप ग्रीन टी टीबी से जलदी ही आपको बाहर ले आएगा।
टीबी होने पर इन बातों का रखें ध्यान-Precautions in Tuberculosis 1. टीबी प्रोटीन युक्त चीजें ज्यादा लें। कई तरह की दालों से बनी खिचड़ी का ज्यादा सेवन कर सकते हैं। 2. ताजे फल और सब्जी खूब खाएं। विटामिंस, प्रोटीन और जिंक रिच फूड ज्यादा लें। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होगी और टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में मदद मिलती है।
3. इस दौरान आप फास्ट फूड या जंक फूड का सेवन बिल्कुल न करें। 4. शराब और धूम्रपान भूल कर भी न करें। क्योंकि ये टीबी को और बढ़ाते हैं। 5. संतरा, गाजर, कद्दू, आंवला, नट्स और टमाटर, अधिक से अधिक खाएं।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।