कहां होती है काली हल्दी की खेती? Where is black turmeric cultivated?
काली हल्दी (Kali haldi) मुख्य रूप से बंगाल में पाई जाती है। इसके अलावा, यह उत्तराखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य प्रदेश में भी उगाई जाती है। इसकी खेती और इसकी उच्च मांग के चलते, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी इसकी कीमत काफी अधिक होती है। काली हल्दी : बीमारियों के उपचार में सहायक Benefits of Kali haldi
काली हल्दी (Kali haldi) खांसी, दमा और निमोनिया जैसी सामान्य बीमारियों के साथ-साथ टीबी के उपचार में भी मदद करती है। इसका उच्च करक्यूमिन स्तर (10.5 प्रतिशत) इसे साधारण
पीली हल्दी से अधिक प्रभावी बनाता है, जिसका करक्यूमिन स्तर केवल 1 प्रतिशत होता है। यह विशेषता काली हल्दी (Kali haldi) को कैंसर, टीवी, अर्थराइटिस, लंग्स इन्फेक्शन और निमोनिया के इलाज में महत्वपूर्ण बनाती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है Benefits of Kali haldi for Immune System
काली हल्दी (Kali haldi) इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी मदद करती है, जिससे शरीर को कई तरह की गंभीर बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसके सेवन से इम्यून सिस्टम सही रहता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
पित्त संबंधी रोगों में भी लाभकारी
काली हल्दी (Kali haldi) का तापमान बहुत अधिक होता है, जो पित्त संबंधी रोगों के उपचार में फायदेमंद होती है। यह गॉलब्लैडर की समस्याओं, बांझपन और अन्य पित्त विकारों में भी कारगर सिद्ध होती है। हालांकि, इसके सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है।
हड्डियों और चोटों में मददगार
काली हल्दी (Kali haldi) की विशेषता है कि यह हड्डियों को जोड़ने और घाव भरने में भी मदद करती है। यह मोच या टूटी हड्डियों को तेजी से ठीक करने में सहायक होती है। इसके एंटीसेप्टिक गुण चोटों और जख्मों को जल्दी भरने में मदद करते हैं।
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आयुर्वेद में काली हल्दी का विशेष स्थान है। इसके अनगिनत फायदे इसे एक अनमोल जड़ी-बूटी बनाते हैं, जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में उच्च स्थान दिया गया है। इसके गुणों और लाभों के कारण, इसे “काली चमत्कारी हल्दी” कहा जा सकता है।
काली हल्दी अपने औषधीय गुणों के कारण विश्वभर में लोकप्रियता हासिल कर रही है। इसके सही और नियंत्रित उपयोग से न केवल गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है, बल्कि यह शरीर के समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है। हालांकि, इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
इस प्रकार, काली हल्दी न केवल एक औषधि है बल्कि एक जीवनदायिनी भी है, जो आयुर्वेद के खजाने में एक बेशकीमती रत्न के रूप में जानी जाती है।