ड्रेस डिजाइनर भानु अथैया ने भारत को पहला ऑस्कर दिलाया। भानु को ये अवाॅर्ड 1983 में ‘गाँधी’ फिल्म में बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइन करने के लिए दिया गया था। भानु एक ऐसी ड्रेस डिजाइनर हैं, जिन्होंने 100 से अधिक फिल्मों के लिए ड्रेस डिजाइन किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई दिग्गज कलाकारों के लिए काम किया। भानु एक बेहतरीन पेंटर भी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक पेंटर के तौर पर की थी।
साल 2009 में गीतकार और लेखक गुलजार को ‘स्लम डॉग मिलिनियर’ के गीत ‘जय हो’ के लिए बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग (लिरिक्स) का अवॉर्ड दिया गया था।
बंगाली फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे भी ऑस्कर अवाॅर्ड से नवाजे जा चुके हैं। उन्हें ये सम्मान साल 1992 में ऑस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड की श्रेणी में दिया गया था। उस वक्त वो इतने बीमार थे कि उन्होंने अस्पताल से लाइव भाषण दिया था। वहीं इसी साल सत्यजीत को भारत सरकार ने देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया था।
संगीत के बादशाह ‘ए आर रहमान’ भी इस सम्मान से नवाजे जा चुके हैं। रहमान को साल 2009 में आई फिल्म ‘स्लम डॉग मिलिनियर’ के लिए दो ऑस्कर अवाॅर्ड एक साथ मिले। इनमें एक ‘जय हो’ गाने के लिए लिए बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग और इसी गाने के लिए बेस्ट ओरिजिनल स्कोर का ऑस्कर दिया गया। रहमान आॅस्कर के अवाला भी कई अवॉर्ड अपने नाम दर्ज करा चुके हैं। लेकिन ये अवॉर्ड उनके लिए बेहद खास रहा।
रेसुल पुकुट्टी एक साउंड डिजाइनर और साउंड एडिटर हैं। उन्हें ‘स्लम डॉग मिलिनियर’ के ‘जय हो’ गाने के लिए बेस्ट साउंड मिक्सिंग के लिए ऑस्कर अवाॅर्ड दिया गया।