“युवा महिला, जिसने उद्घाटन के दिन निडर होकर मंच पर कदम रखा। न केवल सबसे छोटी बल्कि सबसे मजबूत आवाज बनी जिसकी हमे उस वक़्त ज़रूरत थी।” जोली ने कहा। जोली ने अमांडा की सराहना करते हुए कहा कि अगर कोई इस वक़्त अपने शब्दों से लोगों को आगे ला सकता है, तो यह गोर्मन है।
जोली ने कहा, “अमांडा, आपकी असाधारण उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ-साथ, हम आपके जैसी हर दूसरी लड़की का सम्मान करते हैं, जो महसूस करती है कि वह एक बाहरी व्यक्ति है,।” “इतनी सारी लड़कियों ने जीवन में बहुत सहा है – गरीबी से, रिजेक्शन से, बंद मुट्ठी, या बंदूक के स्टील से। अफगानिस्तान में कितने अमांडा रह रहे हैं, अपनी पत्रिकाओं को छुपा रहे हैं, यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि क्या उन्हें अनुमति दी जाएगी स्कूल जाने के लिए? मानो किसी को यह तय करने का अधिकार है कि एक महिला अपने मन और शरीर से क्या कर सकती है और क्या नहीं।”
गोर्मन और ज़हरा के साथ कारपेट पर चलने वाली जोली ने टिप्पणी की, “सोचने वाली महिला के स्वतंत्र दिमाग की तुलना में शायद अधिक सुंदर, अधिक चुनौतीपूर्ण और अधिक अस्थिर कुछ भी नहीं। निश्चित रूप से उसे विवश करने के लिए इतना प्रयास किया जाता है।”
तालियों की गड़गड़ाहट के बाद, अंत में जोली ने यह कहा: “जिनके पास फ्री स्पीच की शक्ति है – स्वतंत्र भाषण का हथियार – उन लोगों की रक्षा के लिए सबको एक साथ मिलकर आगे आना चाहिए। हमें अमांडा की तरह आवाज चाहिए, जो अँधेरे में रोशिनी की तरह है। तुम निडर रूप से जलते रहो और दूसरों के लिए राह को रोशन करो।”