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बीती सात नवंबर को जमानत मिलने के बाद हनीप्रीत जेल में बंद राम रहीम से मुलाकात का प्रयास कर रही थी। हालांकि सुनारियां जेल प्रशासन ने इस मुलाकात के लिए सुरक्षा की दृष्टि से इनकार कर दिया था लेकिन गृहमंत्री तथा जेल मंत्री के हस्तक्षेप के बाद हनीप्रीत की राह सामान्य हो गई।
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यह तोहफा लेकर मिलने पहुंची
करीब 28 महीने बाद हनीप्रीत सोमवार को सुनारिया जेल पहुंची। दोपहर दो से तीन बजे उनकी मुलाकात राम रहीम के साथ हुई। हनीप्रीत के साथ राम रहीम के वकील संदीप कामरा, राजेंद्र सिंह सरां और हरीश छाबड़ा भी थे। इसके अलावा राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरा सच्चा सौदा का प्रबंधन संभाल रही चेयरपर्सन शोभा इंसा भी उनके साथ थी। बाबा व हनीप्रीत के बीच करीब बीस मिनट तक आमने सामने टेलीफोन पर ही बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि इस दौरान हनीप्रीत भावुक हो गई, जिस पर बाबा ने उन्हें समझाया। वह राम रहीम के लिए कपड़े लेकर आई थी। जेल प्रशासन को आज सुबह हनीप्रीत के आने की सूचना मिल गई थी। जेल प्रशासन ने हनीप्रीत को बता दिया था कि जेल मैन्युअल के अनुसार बीस मिनट के लिए ही मुलाकात हो सकती है। कागजी कारवाई के बाद हनीप्रीत व बाबा के बीच मुलाकात हुई और फोन पर ही आमने-सामने बातचीत हुई। इस दौरान जेल महिला सुरक्षाकर्मी भी हनीप्रीत के साथ रही।
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जेल प्रबंधन ने किया था मुलाकात से इनकार
हनीप्रीत ने सुनारिया जेल प्रशासन को चिट्ठी भेजकर राम रहीम से मुलाकात की अनुमति मांगी थी। दूसरी तरफ राम रहीम ने भी जेल प्रशासन को मुलाकात के लिए जिन लोगों के नाम दिए थे उनमें हनीप्रीत का नाम भी शामिल था। हनीप्रीत के आवेदन के बाद सुनारियां जेल प्रशासन ने सिरसा पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पूछा था कि हनीप्रीत की राम रहीम से मुलाकात को लेकर सिरसा पुलिस को कोई आपत्ति तो नहीं है। सिरसा के कार्यवाहक एसपी विजय प्रताप सिंह ने रविवार को सुनारिया जेल अधीक्षक को बंद लिफाफे में अपना जवाब भेजा था। सूत्र के मुताबिक,केस की जांच और कानून व्यवस्था प्रभावित होने का अंदेशा जताते हुए जेल में इस मुलाकात पर सिरसा पुलिस ने आपत्ति जताई थी।
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गृहमंत्री व जेल मंत्री की सहमति के बाद हुई मुलाकात
हनीप्रीत व राम रहीम की मुलाकात को लेकर कई दिनों से अटकलें चल रही थी लेकिन दूसरी बार सत्ता में आने पर मनोहर के मंत्री अनिल विज को जब गृहमंत्रालय का जिम्मा मिला तो इस बात के संकेत मिल रहे थे कि अब यह मुलाकात संभव हो सकती है। क्योंकि अनिल विज पहले ही डेरा प्रकरण के मृतकों के आश्रितों के लिए नौकरी की मांग भी कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार बाबा में मामला जेल मंत्री व गृह मंत्री तक जा पहुंचा। जेल मंत्री की संतुति व गृहमंत्री की हामी के बाद ही हन्नीप्रीत की बाबा से मुलाकात हो पाई है।