Year ender 2024 : मंकीपॉक्स: वैश्विक महामारी का ऐलान Monkeypox: Global pandemic declared
मंकीपॉक्स, जिसे अब एमपॉक्स भी कहा जाता है, ने अफ्रीका सहित पूरी दुनिया को प्रभावित किया। आंकड़े और असर: अफ्रीका में एमपॉक्स के मामले 70,000 के करीब पहुंचे, और 1,260 से अधिक मौतें दर्ज हुईं। वैश्विक चिंता: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे महामारी घोषित करते हुए दुनिया को सतर्क किया।
कोविड-19: नए वेरिएंट्स की दस्तक
कोरोना महामारी का प्रभाव 2024 में भी जारी रहा।
कोविड-19: नए वेरिएंट्स की दस्तक
कोरोना महामारी का प्रभाव 2024 में भी जारी रहा।
जेएन.1 वेरिएंट का खतरा: Danger of the JN.1 variant
विशेषज्ञों ने जेएन.1 और उससे जुड़े केपी.1 व केपी.2 वेरिएंट्स को लेकर चेतावनी दी। भारत में स्थिति: जून-जुलाई के बीच भारत में 908 नए मामले और 2 मौतें हुईं।
कोविड के प्रसार के लिए मिजोरम, महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पांच प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट देखा गया।
कोविड के प्रसार के लिए मिजोरम, महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पांच प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट देखा गया।
वैश्विक स्तर पर: 96 देशों में 1,86,000 से अधिक नए मामले दर्ज हुए, और 2,800 से अधिक लोगों की मौत हुई।
बर्ड फ्लू : पक्षियों से इंसानों तक का खतरा Bird flu: Danger from birds to humans
साल का अंत होते-होते बर्ड फ्लू ने भी भारत में दस्तक दी।
बर्ड फ्लू : पक्षियों से इंसानों तक का खतरा Bird flu: Danger from birds to humans
साल का अंत होते-होते बर्ड फ्लू ने भी भारत में दस्तक दी।
राजस्थान में पहला मामला: First case in Rajasthan:
फलोदी जिले में कुरजां पक्षियों में वायरस की पुष्टि हुई।स्थानीय प्रशासन की चिंता:
इस वायरस के अन्य पक्षी प्रजातियों और इंसानों में फैलने का खतरा मंडराने लगा।
डिंगा डिंगा Dinga Dinga Disease
अब यूगांडा में भी एक नई रहस्यमयी बीमारी ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। इस बीमारी को डिंगा डिंगा नाम दिया गया है जो इसके एक प्रमुख लक्षण के कारण है। डिंगा डिंगा (Dinga Dinga disease) का अर्थ है हिलते डुलते डांस करना। इस बीमारी से प्रभावित व्यक्ति लगातार हिलता डुलता रहता है जैसे वह नृत्य कर रहा हो।
डेंगू: रिकॉर्ड तोड़ मामलों की बाढ़ Dengue: Record breaking flood of cases
डेंगू ने इस साल अपनी गंभीरता को दोगुना कर दिया। दुनिया में स्थिति: अगस्त तक 12 मिलियन से अधिक मामले और 6,991 मौतें दर्ज हुईं।
यह संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी थी।
भारत में असर: डेंगू के बढ़ते मामलों ने शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव डाला।
संक्रामक बीमारियों के साथ-साथ इस साल क्रॉनिक बीमारियों पर भी फोकस रहा।
क्रॉनिक बीमारियां: लाइफस्टाइल का असर Chronic diseases: the impact of lifestyle
संक्रामक बीमारियों के साथ-साथ इस साल क्रॉनिक बीमारियों पर भी फोकस रहा।
हाई बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल: High BP, Diabetes and Cholesterol
विशेषज्ञों ने बताया कि ये बीमारियां मुख्य रूप से खराब लाइफस्टाइल और अस्वास्थ्यकर आहार की देन हैं।कैंसर और हार्ट अटैक का सिलसिला: Chain of cancer and heart attack:
इन बीमारियों से होने वाली मौतों में कोई खास कमी नहीं आई।क्या सीखा और आगे का रास्ता
सतर्कता और जागरूकता जरूरी: संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। लाइफस्टाइल में बदलाव: क्रॉनिक बीमारियों को रोकने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम को अपनाना होगा।साल 2024 ने हमें एक बार फिर यह सिखाया कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है। जागरूकता और सही कदमों से हम आने वाले वर्षों में इन चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर सकते हैं।