प्रदूषित जल का खतरा: त्वचा पर एलर्जी और जलन के लक्षण
दिल्ली के सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर एसी भरिजा ने बताया कि यमुना के दूषित पानी में स्नान से त्वचा संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं। जब पानी गंदा होता है, तो उसमें मौजूद रासायनिक तत्वों के कारण त्वचा में जलन, खुजली, और रैशेज हो सकते हैं, उन्होंने कहा। पानी में मौजूद विषैले तत्व, त्वचा में गहराई से प्रवेश कर जलन और एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों की त्वचा पहले से ही संवेदनशील है, उन्हें खास सतर्कता बरतनी चाहिए।गंदे पानी में खड़े रहने से स्वास्थ्य पर पड़ सकता है गहरा प्रभाव
डॉक्टर भरिजा के अनुसार, प्रदूषित पानी में लंबे समय तक खड़े रहने से रासायनिक तत्व त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे तत्वों से त्वचा में सूजन, दर्द और अन्य गंभीर लक्षण उभर सकते हैं। यह जलन और रैशेज से लेकर गंभीर सूजन और एलर्जी तक की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। यह भी पढ़ें : वजन घटाना चाहते हैं? इन सफेद चीजों से हमेशा के लिए बना लें दूरी
झाग का कारण औद्योगिक कचरा: संक्रमण और सांस की बीमारियों का भी खतरा
यमुना में उठते झाग को भी प्रदूषण का नतीजा बताया गया है। पानी में मौजूद रासायनिक प्रतिक्रिया और औद्योगिक कचरे की वजह से झाग बनता है, जो पानी को और भी जहरीला बना देता है। पानी में खड़े रहना या इसका संपर्क स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टर भरिजा ने चेतावनी दी, झाग युक्त पानी से एलर्जी या अस्थमा जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अगर पानी नाक या गले में चला जाए, तो यह अंदरूनी संक्रमण का कारण भी बन सकता है।अंदरूनी स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ता खतरा
गंदे पानी के संपर्क में रहने से सिर्फ त्वचा पर ही नहीं, बल्कि श्वसन प्रणाली और पाचन तंत्र पर भी असर पड़ सकता है। लंबे समय तक पानी में खड़े रहने से संक्रमण, पेट संबंधी बीमारियां और सांस लेने में दिक्कतें हो सकती हैं। डॉक्टर भरिजा ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताते हुए कहा, “प्रदूषित जल से बचना आवश्यक है, ताकि इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।”छठ पूजा के दौरान सुरक्षा के उपाय
छठ पूजा (Chhath Puja) के दौरान यमुना नदी के जल में अर्घ्य देने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ सावधानियां आवश्यक हैं:- गंदे पानी में लंबे समय तक न खड़े रहें।
- त्वचा की सुरक्षा के लिए स्नान से पहले और बाद में मॉइस्चराइजर या क्रीम लगाएं।
- जो लोग पहले से ही एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
- नाक और मुंह में पानी जाने से रोकने के लिए कपड़े से चेहरा ढंक लें।
छठ पर्व (Chhath Puja) के दौरान भक्तों का जोश अपनी जगह है, लेकिन प्रदूषित जल में सुरक्षा को नज़रअंदाज करना स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है ताकि त्योहार के उत्सव के साथ सेहत भी बनी रहे।
(आईएएनएस)