क्या है ‘बी.ई.एफ.ए.एस.टी’? What is ‘B.E.F.A.S.T’?
‘बी.ई.एफ.ए.एस.टी’ का मतलब होता है फास्ट, यानि जल्दी से प्रतिक्रिया करना। ये एक संकेतक प्रणाली है जो स्ट्रोक (Stroke) के लक्षणों को पहचानने में सहायक है। न्यूरोलॉजिस्ट्स ने इसे एक आसान तरीके से समझाया है, ताकि व्यक्ति किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज न करें। इसमें छह मुख्य बिंदु शामिल हैं: बी (बैलेंस): संतुलन की कमी महसूस हो, पैरों में लड़खड़ाहट हो, तो सतर्क हो जाएं। ई (आइज): दृष्टि धुंधली हो या आंखों के सामने अंधेरा छा जाए, ये भी स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
एफ (फेस): यदि मुस्कुराते वक्त चेहरा असमान लगे या कोई हिस्सा सुन्न हो जाए। ए (आर्म्स): दोनों हाथ ऊपर उठाने में कठिनाई हो, तो भी ये स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। एस (स्पीच): बोलने में अस्पष्टता हो या बात बार-बार दोहराने की ज़रूरत पड़े।
टी (टाइम): लक्षणों के दिखते ही तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें, क्योंकि समय के साथ इलाज में असरदार बदलाव आ सकते हैं। यह भी पढ़ें : अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन लिए बैठें हैं ये 9 देसी स्नैक्स, इस तरह से करें डाइट में शामिल
स्ट्रोक के लक्षण पहचानें, समय रहते कदम उठाएं Recognize the symptoms of stroke, take timely action
स्ट्रोक (Stroke) एक गंभीर स्थिति है जिसमें मस्तिष्क में खून की आपूर्ति में बाधा आने से दिमाग के टिशू डैमेज होने लगते हैं। विश्व स्ट्रोक संगठन के अनुसार, हर चार में से एक व्यक्ति को इसके लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें अचानक कमजोरी, चक्कर आना, और गंभीर सिरदर्द प्रमुख लक्षण हैं।गोल्डन आवर का महत्व
स्ट्रोक (Stroke) के मामले में समय पर इलाज सबसे महत्वपूर्ण होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ‘गोल्डन आवर’ यानी 90 मिनट का समय होता है, जिसमें यदि उचित इलाज मिल जाए तो मरीज़ के पूरी तरह ठीक होने की संभावना अधिक होती है। जितनी जल्दी लक्षण पहचाने जाएंगे, उतनी जल्दी इलाज शुरू हो सकेगा और संभावित नुकसान कम होगा।वर्ल्ड स्ट्रोक डे का इतिहास और उद्देश्य
वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day) का इतिहास 2004 से शुरू होता है, जब पहली बार वैंकूवर, कनाडा में विश्व स्ट्रोक कांग्रेस ने इस दिन को मनाने का फैसला किया। दो साल बाद, 2006 में वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन का गठन हुआ, जिसके उद्देश्य में स्ट्रोक के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना और समय पर सावधानी बरतने की जानकारी देना है।क्यों है ‘बी.ई.एफ.ए.एस.टी’ का फॉर्मूला जीवन रक्षक?
बी.ई.एफ.ए.एस.टी फॉर्मूला हमें यह सिखाता है कि कैसे तेज़ी से स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानकर तुरंत चिकित्सा सेवा लेना ज़रूरी है। स्ट्रोक के कुछ लक्षण सामान्य से होते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करने की गलती घातक साबित हो सकती है। सही समय पर पहचान और इलाज से न केवल जीवन बचाया जा सकता है, बल्कि व्यक्ति स्वस्थ भी हो सकता है। यह भी पढ़ें : इस दिवाली बनाएं अपनी त्वचा को ग्लोइंग, आजमाएं शहनाज़ हुसैन के टिप्स वर्ल्ड स्ट्रोक डे पर अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ‘बी.ई.एफ.ए.एस.टी’ फॉर्मूले को अपने जीवन में शामिल करें और समय रहते किसी भी तरह की चेतावनी पर कार्रवाई करें। हर क्षण कीमती है – इसलिए सावधान रहें, सतर्क रहें, और अपने प्रियजनों के साथ सुरक्षित रहें।