पायलट स्टडी में अमरीका में नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने श्वसन और आंतों की गतिशीलता संबंधी विकारों वाले 15, समय से पहले जन्में बच्चे और 55 वयस्क, जिनमें 20 पुरानी फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ितों को शामिल किया था। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि उपकरणों ने न केवल क्लिनिकल-ग्रेड सटीकता के साथ प्रदर्शन किया, बल्कि उन्होंने नई कार्यक्षमताएं भी पेश की, जिन्हें विकसित नहीं किया गया है और न ही अनुसंधान या क्लिनिकल देखभाल में पेश किया गया है।
नॉर्थ वेस्टर्न मेडिसिन के थोरेसिक सर्जन अंकित भरत ने बताया कि इन उपकरणों के पीछे का विचार रोगी के स्वास्थ्य का अत्यधिक सटीक निरंतर मूल्यांकन प्रदान करना है। सिलिकॉन से बने उपकरण की लंबाई 40 मिलीमीटर, चौड़ाई 20 मिलीमीटर और मोटाई 8 मिलीमीटर है। डिवाइस में एक फ्लैश मेमोरी ड्राइव, छोटी बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक ब्लूटूथ क्षमताएं और दो छोटे माइक्रोफोन हैं, जिनमें से एक का मुख शरीर के अंदर की ओर है और दूसरे का मुख बाहर की ओर है।
पुरानी फेफड़ों की बीमारियों और स्वस्थ नियंत्रण वाले वयस्कों में उपकरण ने एक साथ विभिन्न स्थानों पर फेफड़ों की आवाज और शरीर की गति के वितरण को कैप्चर किया, जिससे शोधकर्ताओं को फेफड़ों के विभिन्न क्षेत्रों में एक ही सांस का विश्लेषण करने में मदद मिली।