World Lung Day : हर साल 25 सितंबर को मनाया जाता है विश्व फेफड़े दिवस
फेफड़ों (Lungs) के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और बेहतर फेफड़ा देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 25 सितंबर को विश्व फेफड़े दिवस (World Lung Day) मनाया जाता है। धूम्रपान, फेफड़े (Lungs के रोगों का एक प्रमुख कारण है, जिनमें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और फेफड़े का कैंसर शामिल हैं। धूम्रपान छोड़ने से इन बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।World Lung Day : गैर-धूम्रपान करने वालों में श्वसन रोगों का बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, धूम्रपान न करने वालों में भी श्वसन रोगों के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इन मामलों के पीछे का मुख्य कारण निष्क्रिय धूम्रपान और वायु प्रदूषण है। वायु में मौजूद सूक्ष्म प्रदूषक फेफड़ों में प्रवेश करके कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और उनमें सूजन पैदा कर सकते हैं, जो लंबे समय में कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यह भी पढ़ें – Lung Cancer: खतरनाक साबित हो सकता है फेफड़े का कैंसर, दिमाग तक फैलने का खतरा
धूम्रपान के खतरे
धूम्रपान न करने वालों के लिए भी, पर्यावरण में मौजूद धुएं का श्वास लेना या घर के भीतर लिंगरिंग स्मोक (धूम्रपान के बाद बचा धुआं) बेहद हानिकारक हो सकता है। इसके अतिरिक्त, तृतीयक धूम्रपान (Third-hand smoke) के कारण सतहों पर जमा होने वाले विषाक्त तत्व भी बच्चों और पालतू जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं।वायु प्रदूषण से बढ़ता खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया की 99 प्रतिशत आबादी दूषित वायु में सांस ले रही है। जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है, जो फेफड़ों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण बच्चों, बुजुर्गों और पहले से श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक खतरा होता है।
अन्य जोखिम कारक
गैर-धूम्रपान करने वालों में फेफड़े की समस्याओं के अन्य प्रमुख कारणों में बचपन की श्वसन संक्रमण शामिल हैं। बचपन में होने वाले संक्रमण वयस्कता में भी बने रह सकते हैं और ब्रॉन्किइक्टेसिस और सिस्टिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जो फेफड़ों को क्षतिग्रस्त करते हैं।”
व्यावसायिक और जीवनशैली से जुड़े खतरे
विशेषज्ञों का कहना है कि खनन या निर्माण जैसे व्यवसायों में काम करने वाले लोग अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि वे लगातार कैंसरजन (कार्सिनोजेन्स), धूल और धुएं के संपर्क में रहते हैं, जो उनके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। जीवनशैली से जुड़े जोखिमों में मोटापा या शारीरिक गतिविधियों की कमी भी शामिल हैं, जो फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम करती हैं।
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फेफड़ों की सुरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी
धूम्रपान एक प्रसिद्ध जोखिम कारक है, लेकिन केवल सिगरेट से दूर रहना ही काफी नहीं है। हमें साफ हवा, धूम्रपान-मुक्त स्थानों और उन छिपे खतरों को समझने की जरूरत है, जिनसे हम हर दिन प्रभावित हो रहे हैं। हमें अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिए साफ हवा, धूम्रपान-मुक्त स्थान और उन खतरों के बारे में अधिक जानकारी की जरूरत है, जिनसे हम अनजाने में प्रभावित हो रहे हैं।”