खानपान की कमी का असर सेहद पर अवश्य देखने को मिलता है और उसकी वजह से उनमें महिलाओं में कमजोरी आना , थका हुआ महसूस करना आदि शामिल है। महिलाओं के लिए कुछ Superfoods ऐसे है यदि वे उनको अपनी डाइट में शामिल करे तो एनर्जेटिक रह सकती हैं और कई बीमारियों से अपना बचाव भी कर सकती हैं।
ये सुपरफूड्स होंगे महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित These superfoods will prove beneficial for women
दूध दूध पूर्ण रूप से एक संतुलित आहार में गिना जाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्श्यिम मौजूद होता है। महिलाओं को कैल्शियम और विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए लो फैट मिल्क का सेवन करना चाहिए। नियमित रूप से दूध के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही, आप ऑस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज, मल्टीपल स्केलेरोसिस, ब्रेस्ट और ओवरी के ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचे रहते हैं। दही दही के सेवन से महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचाते हैं और पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। सदि महिलाएं अपने खानपान में दही या लो फैट योगर्ट को शामिल करें तो अल्सर और वेजाइनल इंफेक्शन का खतरा भी कम किया जा सकता है।
बीन्स बीन्स में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर जैसे जरूरी पोषक पाएं जाते हैं। बीन्स के सेवर से दिल की बीमारियों और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। बीन्स को डाइट में शामिल करने से हार्मोन्स भी बैलेंस रहते हैं, साथ ही यह बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या से भी राहत पहुंचाने का काम करती है।
टमाटर टमाटर में लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। यदि महिलाएं टमाटर का सेवन करती हैं तो यह दिल से जुड़ी बीमारियों से आपको बचा सकता है। टमाटर में कई जरूरी एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं।
बेरीज अच्छी सेहत के लिए महिलाओं को बेरीज को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। सीजनेबल स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, ब्लूबेरी और क्रैनबेरी एंटी-कैंसर तत्वों से भरपूर होती है। कई शोध में यह बात सामने आ चुकी है कि बेरीज महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचाने में मदद करती हैं। विटामिन सी और फोलिक एसिड का एक शानदार सोर्स होने के कारण यह एंटी-एजिंग गुणों से भी भरपूर होती हैं।
यह भी पढ़े : Paneer खाने वाले हो जाए सावधान, इन लोगों के लिए हो सकता है पनीर खाना हानिकारक डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।