स्वास्थ्य

कौनसी है वह बीमारी जिससे बचपन में अभिषेक बच्चन को पढ़ने-लिखने में होती थी दिक्कत

Abhishek Bachchan: डिस्लेक्सिया एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इस स्थिति के कारण व्यक्ति को पढ़ाई, लेखन, शब्दों की समझ और दूसरों की बातों पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।

नई दिल्लीDec 22, 2024 / 04:24 pm

Puneet Sharma

Abhishek Bachchan

Abhishek Bachchan: अभिषेक बच्चन जब 9 साल की उम्र के थे, तब उन्हें डिस्लेक्सिया से जूझ रहे थे। उन्होंने हाल ही में इस बीमारी का खुलासा​ किया है। इस बीमारी के कारण अभिषेक बच्चन अक्षरों को पहचान नहीं पाते थे। साथ ही उन्हें लिखने और बोलने में परेशानी होती थी। इस बीमारी के कारण ही अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) पढ़ाई में कमजोर रह गए थे। उन्होंने ने बताया कि जब वे 9 साल के थे जब उन्हें इस बीमारी का पता चला था और इसके बाद मुझे एक यूरोपीय स्कूल में भेज दिया गया था। उन्होंने बताया कि मझे ग्रेजुएशन होने के बाद ही डिस्लेक्सिक हूं इसके बारे में पता चला।
अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) ने बताया कि उन्होंने उचित उपचार, थेरेपी और दवाओं की मदद से डिस्लेक्सिया पर विजय प्राप्त की और इस बीमारी को पार करते हुए, समाज के लिए एक नई प्रेरणा बने।

क्या है डिस्लेक्सिया : what is dyslexia : Abhishek Bachchan

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डिस्लेक्सिया एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इस स्थिति के कारण व्यक्ति को पढ़ाई, लेखन, शब्दों की समझ और दूसरों की बातों पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। डिस्लेक्सिया से प्रभावित व्यक्ति को सीखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह उनकी मानसिक क्षमता को प्रभावित नहीं करता है।

डिस्लेक्सिया के लक्षण क्या है : what are the symptoms of dyslexia

डिस्लेक्सिया के लक्षणों की बात की जाएं तो इसमें कई लक्षण शामिल है। जैसे अक्षरों और शब्दों को उलटकर या गलत तरीके से पढ़ना, पढ़ाई में असामान्य रूप से धीमापन दिखना, वर्तनी में लगातार गलतियाँ करना, शब्दों और ध्वनियों के बीच संबंध स्थापित करने में कठिनाई, पढ़ने, लिखने और बोलने में आत्मविश्वास की कमी का अनुभव करना, गणित से संबंधित सामग्री को पढ़ने में कठिनाई होना आदि लक्षण शामिल थे।

डिस्लेक्सिया का इलाज : Treatment of dyslexia

डिस्लेक्सिया के उपचार के लिए आज कई प्रकार की चिकित्सा और औषधियाँ उपलब्ध हैं। बाल मनोवैज्ञानिक, भाषाई विशेषज्ञ और न्यूरोलॉजिस्ट इस समस्या का समाधान करते हैं। हालांकि, इस विकार से कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो सकता है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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