बच्चों की जीभ पर पीली पर्त की समस्या बच्चों में ओरल हेल्थ का उचित ध्यान न रखने के कारण उन्हें इससे जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। जीभ पर पीली पर्त का जमना इसी में से एक है। हालांकि इस समस्या को अधिक गंभीर नहीं माना जाता है लेकिन अगर यह समस्या ज्यादा दिनों तक बनी रहती है तो इसकी वजह से बच्चों में कई समस्याएं हो सकती हैं। जब जीभ की त्वचा पर मौजूद मृत कोशिकाएं बैक्टीरिया और अन्य कण इस पर जम जाते हैं तो इसकी वजह से जीभ में पीलापन आ सकता है। लेकिन इसके अलावा कई बार बच्चों में यह समस्या कुछ अन्य कारणों से भी हो सकती है और इसमें स्वास्थ्य से जुड़े कुछ कारण भी शामिल होते हैं।
बच्चों की जीभ पर पीली पर्त जमने के कारण ओरल हेल्थ के प्रति जागरूकता की कमी खानपान और साफ-सफाई का ध्यान न देने से बच्चों की जीभ पर पीली पर्त जम सकती है। इसके अलावा बच्चों में ओरल थ्रश की वजह से भी यह समस्या होती है। मुहं में सूखापन, सही समय पर सफाई न करना और खानपान से जुड़ी गलत आदतों के कारण भी यह समस्या हो सकती है। लेकिन इसके अलावा जब यह समस्या ओरल थ्रश के कारण होती है तो इसके कारण भी बदल जाते हैं। शरीर में यीस्ट इन्फेक्शन के कारण कैंडिडा एल्बीशियन फंगस बढ़ जाता है जिसकी वजह से ओरल थ्रश की समस्या होती है। बच्चों के शरीर का इम्यून सिस्टम अगर सही ढंग से काम करता है तो यह अपने आप ठीक हो जाता है या यीस्ट को कंट्रोल में रखता है लेकिन अगर बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर होती है तो यह समस्या बढ़ जाती है।
बच्चों में जीभ के पीले होने के लक्षण
इस समस्या के शुरुआत में बच्चों में कोई गंभीर लक्षण दिखाई नहीं देता है और लेकिन जैसे-जैसे यह समस्या बढ़ने लगती है इसके लक्षण भी गंभीर होते जाते हैं। शुरुआत में बच्चों की जीभ पर हल्का पीलापन और मुहं में छाले हो सकते हैं और इसके बाद खमीर के बढ़ने पर यह समस्या गंभीर हो जाती है। इस समस्या में दिखने वाले लक्षण इस प्रकार से हैं।
इस समस्या के शुरुआत में बच्चों में कोई गंभीर लक्षण दिखाई नहीं देता है और लेकिन जैसे-जैसे यह समस्या बढ़ने लगती है इसके लक्षण भी गंभीर होते जाते हैं। शुरुआत में बच्चों की जीभ पर हल्का पीलापन और मुहं में छाले हो सकते हैं और इसके बाद खमीर के बढ़ने पर यह समस्या गंभीर हो जाती है। इस समस्या में दिखने वाले लक्षण इस प्रकार से हैं।
1. मुहं से खून निकलना
2. किसी भी चीज को खाने या निगलने में समस्या
3. मुहं में स्वाद की कमी
4. दर्द बना रहना बचाव और इलाज के टिप्स
डॉक्टर बच्चों की जीभ और ओरल हेल्थ की जांच करने के बाद दवाओं और एंटी फंगल माउथवाश के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। इस समस्या में खुद से कोई उपचार अपनाने से पहले चिकित्सक से संपर्क जरूर करना चाहिए। बच्चों में पीली जीभ की समस्या के इलाज के डॉक्टर की बताई गयी सलाह का पालन जरूर करना चाहिए। इसके अलावा आपको बच्चों के मुहं के स्वास्थ्य यानी ओरल हेल्थ का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आप अपने बच्चे के मुंह को हर दिन साफ करें। अगर बच्चे को दांत नही भी है तो उन्हें खिलाने के बाद हर बार मसूड़ों को पोंछें। आप अपने नवजात के नाजुक मसूड़ों को साफ करने के लिए अपनी उंगली के चारों ओर गीले कपड़े लपेटे कर ध्यान से पोंछें मसूड़ों पर अधिक दबाव न डालें। जैसे ही आपके बच्चे के दांत आ जाता है तो दिन में कम से कम दो बार शिशु को टूथब्रश और हल्के टूथपेस्ट से ब्रश कराएं। बच्चों के दांतों को साफ करने के लिए हमेशा मुलायम टूथब्रश का प्रयोग करें।
2. किसी भी चीज को खाने या निगलने में समस्या
3. मुहं में स्वाद की कमी
4. दर्द बना रहना बचाव और इलाज के टिप्स
डॉक्टर बच्चों की जीभ और ओरल हेल्थ की जांच करने के बाद दवाओं और एंटी फंगल माउथवाश के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। इस समस्या में खुद से कोई उपचार अपनाने से पहले चिकित्सक से संपर्क जरूर करना चाहिए। बच्चों में पीली जीभ की समस्या के इलाज के डॉक्टर की बताई गयी सलाह का पालन जरूर करना चाहिए। इसके अलावा आपको बच्चों के मुहं के स्वास्थ्य यानी ओरल हेल्थ का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आप अपने बच्चे के मुंह को हर दिन साफ करें। अगर बच्चे को दांत नही भी है तो उन्हें खिलाने के बाद हर बार मसूड़ों को पोंछें। आप अपने नवजात के नाजुक मसूड़ों को साफ करने के लिए अपनी उंगली के चारों ओर गीले कपड़े लपेटे कर ध्यान से पोंछें मसूड़ों पर अधिक दबाव न डालें। जैसे ही आपके बच्चे के दांत आ जाता है तो दिन में कम से कम दो बार शिशु को टूथब्रश और हल्के टूथपेस्ट से ब्रश कराएं। बच्चों के दांतों को साफ करने के लिए हमेशा मुलायम टूथब्रश का प्रयोग करें।