क्या होता है निमोनिया : what is pneumonia
निमोनिया (pneumonia) एक ऐसी बीमारी है यदि इसको हल्के में लिया जाता है तो यह जानलेवा भी हो सकता है। निमोनिया को फेफड़ों का संक्रमण कहा जाता है जो फेफड़ों में सूजन पैदा कर सकता है जिसके कारण वायुकोषों में द्रव या मवाद भरने जैसी स्थिति हो जाती है। इसके पीछे विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस या कवक हो सकते हैं। निमोनिया छोटे बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा होता है। इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, खांसी, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि शामिल है।निमोनिया से बच्चों को ऐसे रखें सुरक्षित : How to keep children safe from pneumonia
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- अपने बच्चे को बीमार बच्चों और वयस्कों से दूर रखना आवश्यक है। यह सलाह दी जाती है कि आप अपने बच्चे को उन बच्चों से दूर रखें जिनमें ऊपरी या निचले श्वसन संबंधी लक्षण जैसे बहती नाक, खाँसी और छींकने के लक्षण दिखाई देते हैं।
- सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को सभी आवश्यक टीके लगवाए गए हैं। हिब और न्यूमोकोकल टीके (पीवीसी13) आपके बच्चे को निमोनिया के बैक्टीरियल संक्रमण से बचाने में सहायक होंगे।
- क्या आप जानते हैं कि इन्फ्लूएंजा (फ्लू) वायरस भी निमोनिया का कारण बन सकता है? इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को फ्लू का टीका लगवाया गया हो।
- जब आपके बच्चे का हाथ या चेहरा नाक या मुंह के संपर्क में आता है, तो वायरस या बैक्टीरिया को शरीर में प्रवेश करने से रोकने के लिए, नियमित रूप से गर्म पानी और साबुन से हाथ धोना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप जल्दी में हैं, तो हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- अपने बच्चे को स्ट्रॉ, कप या खाने के बर्तन दूसरों के साथ साझा करने से रोकें। रूमाल और फेस टिश्यू का भी सही उपयोग करें।
बच्चों में निमानिया के कारण : Causes of pneumonia in children
निमोनिया के मुख्य कारण आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरस होते हैं। कुछ वायरस और बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से भी फैल सकते हैं। कभी-कभी बच्चों में निमोनिया का एक अन्य कारण फफूंद भी हो सकता है। इन वायरस व सूक्ष्मजीव के कारण होता है निमोनिया
- स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया और माइकोप्लाज्मा निमोनिया। यह सामान्यतः एक हल्के संक्रमण का कारण बनता है, जिसे वॉकिंग निमोनिया के नाम से जाना जाता है।
- रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) आमतौर पर पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में पाया जाता है।
- पैराइन्फ्लुएंजा वायरस
- ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस
- स्टाफीलोकोकस ऑरियस
- इन्फ्लूएंजा वायरस
- एडिनोवायरस
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