क्या है वाटर फास्टिंग What is water fasting
यह केवल पानी पीते हुए उपवास है। पानी के अलावा कुछ नहीं। हर्बल चाय, ब्लैक कॉफी या अन्य पेय इसका हिस्सा नहीं हैं। उसमें थोड़ा नमक मिला सकते हैं, पर बीपी के मरीज ऐसा न करें।वाटर फास्टिंग कैसे शुरू करनी चाहिए How to start water fasting
वाटर फास्टिंग (Water fasting) से पहले हल्का भोजन लेना शुरू करें और मानसिक रूप से उपवास के लिए खुद को तैयार करें। शुरुआत में तीन-चार घंटे के लिए वाटर फास्टिंग करें। बाद में अपनी क्षमता के अनुसार इसे बढ़ाएं। साधारणत: 12 से 24 घंटे तक कर सकते हैं।इसे सावधानीपूर्वक तोड़ें
वाटर फास्टिंग (Water fasting) के बाद चाय-कॉफी जैसे कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन न करें। बल्कि नारियल पानी या फलों का जूस ले सकते हैं। सूप लेना भी अच्छा विकल्प है। अगले कुछ दिन हल्का व संतुलित भोजन करें जैसे सलाद, सब्जियां और दालें। यह भी पढ़ें – 3 महीने में 8 किलो वजन कम, Intermittent fasting और घर का खाना, जानिए श्रीष्टि जैन का Weight Loss प्लान
वाटर फास्टिंग के फायदे Benefits of water fasting
– शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालकर डिटॉक्सीफिकेशन करता है। – आटोफैगी (वह प्रक्रिया, जिसमें शरीर पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खत्म कर ऩई कोशिकाएं बनती हैं।) की प्रक्रिया तेज होती है। – यह शरीर की ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करता है। – वजन नियंत्रित करने में मदद करता है।
ये न करें
– गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों की अधिक जरुरत होती है। इसलिए प्रग्नेंट विमेंस न करें।– बच्चे व ओल्ड ऐज के लोग न करें।
– डायबिटीज , हार्ट के मरीज और पुरानी बीमारी से ग्रषित लोग न करें।
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शरीर में ग्लूकोज की कमी से थकान, चक्कर आना व कमजोरी हो सकती है। मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते।
शरीर में ग्लूकोज की कमी से थकान, चक्कर आना व कमजोरी हो सकती है। मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते।
अंजलि फाटक आहार विशेषज्ञ