रिसर्च में दावा किया गया है कि केवल बीएमआई के बजाय कमर से ऊंचाई के अनुपात को मापना अधिक सही होता है, क्योंकि बीएमआई पेट के आसपास के अतिरिक्त वजन को ध्यान में नहीं रखता है।
यदि आप 5 फीट 9 इंच लंबे हैं, तो आपकी कमर का माप 87.5 सेमी (34 इंच) से कम या आपकी आधी ऊंचाई से कम होनी चाहिए। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (एनआईसीई) के अनुसार कमर का माप ही बीमारियों से बचाता है।
रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि सबसे पहले वसा पेट और कमर पर ही चढ़ती है और सबसे अंत में यहां से जाती है। डायबिटीज, हार्ट, कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर बीमारियों की वजह सेंट्रेल फैट यानी कमर की चर्बी होती है। इसे लिए कमर को मापने के लिए पसलियों के नीचे और कूल्हों के ऊपर की वसा को चेक करना चहाए। इन बिंदुओं के बीच कमर के चारों ओर एक टेप माप लपेटना चाहिए और माप लेने से पहले स्वाभाविक रूप से सांस लेना चाहिए।
पेट में चर्बी बढ़ने से व्यक्ति में टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग सहित कई जीवन-सीमित बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए पांच साल से लेकर 60 साल तक की उम्र तक अपनी कमर का साइज अपनी हाइट से भी आधे से कम रखना होगा।