ट्रेमर के कारण
चोट के अलावा इस बीमारी के कारण वंशानुगत भी होते हैं। यदि माता के परिवार में यह दिक्कत किसी को रही होती है तो बेटे में यह बीमारी जाने के चांस बढ़ जाते हैं। वहीं, अगर पिता के परिवार में किसी को इस तरह की दिक्कत होती है तो बेटी में इस बीमारी के ट्रांसफर होने की आशंका अधिक होती है।आइए जानते हैं सर्दियों में रोजाना गाजर का जूस पीने के अद्भुत फायदे के बारे में
आज की तनावपूर्ण जीवन शैली में जिन लोगों को बहुत गुस्सा आता है या जिनकी नींद नहीं पूरी होती हैं उन्हें ट्रेमर जैसी बीमारी होने का डर रहता है। विटामिन बी 12 की कमी से आपका तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है, जिससे हाथ कांपने लगते हैं। इसलिए जरुरी है कि आप अंडे, मछली, और दूध से बनी चीजें खाएं।ट्रेमर से निदान
इस समस्या के निदान के लिए आप फिजिशियन, न्यूरॉलजिस्ट, सायकाइट्रिस्ट से मिल सकते हैं। आपकी स्थिति के हिसाब से ये आपकी बीमारी से जुड़ी सलाह और दवाई आपको सुझाएंगे। ट्रेमर के लिए मेडिकल और सर्जिकल दोनों तरह के इलाज उपलब्ध हैं। कुछ मामलों में तो मरीज द्वारा ली जाने वाली किसी विशेष ड्रग्स को बंद कर देना या कम करना ही काफी होता है।जानिए चिरायता का सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है
एक्सरसाइज करें :
हर दिन योग और एक्सरसाइज को अपनी रूटीन में शामिल करें। हाथ-पैर कांपने की समस्या को दूर करना है, तो कुछ मिनट मेडिटेशन भी करें। स्वीमिंग करें, गहरी सांस लें, चलें-दौड़ें। भरपूर नींद लें। इससे तनाव कम होगा और हाथ कांपने की परेशानी दूर होगी।कैफीन, एल्कोहल से करें परहेज :
कैफीन, एल्कोहल का सेवन न करें। इनसे तंत्रिका तंत्र की सक्रियता बढ़ती है, जिसके कारण हाथ कांपने लगता है। रिफाइन शुगर न लें, क्योंकि इससे ब्लड शुगर बढ़ता है और इंसुलिन असंतुलित हो जाता है। इस वजह से भी हाथ कांपने लगता है।