स्वास्थ्य

ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से दो लोगों की मौत, जानिए संक्रमण के लक्षण और डॉक्टरों की सलाह

केरल में दूषित पानी के संपर्क में आने से ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण के कारण दो बच्चों की मौत हो गई है। डॉक्टरों ने झीलों और अन्य जल निकायों में तैराकी से बचने की सलाह दी है।

नई दिल्लीJun 28, 2024 / 11:25 am

Manoj Kumar

Brain-Eating Amoeba

केरल में दूषित पानी के संपर्क में आने से ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण के कारण दो बच्चों की मौत हो गई है। डॉक्टरों ने झीलों और अन्य जल निकायों में तैराकी से बचने की सलाह दी है।
अमीबिक एन्सेफलाइटिस एक दुर्लभ लेकिन घातक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संक्रमण है, जो Naegleria fowleri नामक फ्री-लिविंग अमीबा से होता है, जिसे ब्रेन-ईटिंग अमीबा भी कहा जाता है। यह अमीबा ताजे पानी, झीलों और नदियों में पाया जाता है।

संक्रमण के मामले:

कन्नूर: एक सप्ताह पहले, कन्नूर की 13 वर्षीय लड़की, दक्षिना, की इस संक्रमण से मौत हो गई थी।
कन्नूर: मई में, एक पांच वर्षीय लड़की की भी इस संक्रमण से मृत्यु हो गई थी।
कोझीकोड: एक 12 वर्षीय लड़के में भी इस बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं।

संक्रमण के लक्षण:

– गंभीर सिरदर्द
– बुखार
– उल्टी
– गर्दन में अकड़न
– भ्रम
– संतुलन खोना
– दौरे पड़ना
– मतिभ्रम
– प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
– कोमा

संक्रमण कैसे होता है:

यह संक्रमण दूषित पानी के संपर्क में आने के एक से नौ दिन बाद शुरू होता है। यह नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और तेजी से फैलता है, जिससे कुछ ही दिनों में मृत्यु हो सकती है।
उपचार:
संक्रमण के उपचार के लिए एंटीमाइक्रोबियल थेरेपी का उपयोग किया जाता है, लेकिन मृत्यु दर 90 प्रतिशत से अधिक है।

डॉक्टरों की सलाह:

डॉ. अर्जुन श्रीवास्तव: तैराकी के दौरान नाक के क्लिप का उपयोग करने की सलाह देते हैं, ताकि Naegleria fowleri नाक के माध्यम से प्रवेश न कर सके।
डॉ. जॉन पॉल: माता-पिता को बच्चों को किसी भी जल निकाय में जाने से पहले सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
अंत में, विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग तैराकी, डाइविंग या पानी में सिर डुबाने से बचें, खासकर अगर वे कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले हैं, ताकि दूषित पानी से अमीबिक एन्सेफलाइटिस के संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके।
(आईएएनएस)

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