स्वास्थ्य

भारत में Brain Eating Amoeba के दो नए मामले, यह कैसे फैलता है इतनी तेजी से?

Brain Eating Amoeba : केरल में हाल ही में ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Brain-Eating Amoeba) के दो नए मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।

जयपुरOct 02, 2024 / 04:33 pm

Manoj Kumar

Brain eating amoeba Kerala

Brain Eating Amoeba : केरल में हाल ही में ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Brain-Eating Amoeba) के दो नए मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। यह दुर्लभ लेकिन घातक संक्रमण प्राइमरी एमीबिक मीनिंजोएन्सेफालाइटिस (PAM) का कारण बनता है, जो मस्तिष्क में तीव्र संक्रमण फैलाता है और मृत्यु का कारण बन सकता है।

ब्रेन-ईटिंग अमीबा: क्या है और कैसे फैलता है? Brain Eating Amoeba: What is it and how does it spread?

Brain Eating Amoeba एक प्रकार का सूक्ष्मजीव है जो गर्म पानी में पनपता है, जैसे कि झीलों, नदियों और गर्म झरनों में। जब व्यक्ति इस पानी को अपनी नाक के माध्यम से अंदर लेता है, तो यह अमीबा नाक के रास्ते मस्तिष्क तक पहुंच सकता है। यहां पहुंचकर यह मस्तिष्क के ऊतकों को नष्ट करने लगता है।
यह अमीबा अपनी तीव्रता और तेजी से फैलने की क्षमता के कारण बहुत खतरनाक है। मस्तिष्क में संक्रमण होने के बाद, इसके लक्षण 1 से 9 दिन के अंदर दिखने लगते हैं। शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, मिचली और उल्टी जैसी सामान्य समस्याएं होती हैं, जो जल्दी ही भ्रम, दौरे और कोमा में बदल सकती हैं।

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा के मामले Brain-eating amoeba cases in Kerala

केरल में गर्म मौसम और ताजे पानी के स्रोत इस अमीबा के पनपने के लिए आदर्श परिस्थितियां प्रदान करते हैं, विशेष रूप से मानसून के दौरान जब जलाशयों में पानी रुक जाता है। यहां के ताजे जल स्रोतों में इस अमीबा के जीवित रहने की संभावना अधिक होती है, और इस दौरान संक्रमित पानी के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

‘ब्रेन-ईटिंग’ नाम कैसे पड़ा? How did ‘brain-eating’ get its name?

डॉ. द्रिश्या पिल्लई, जो केरल के मदीत्रिना अस्पताल में कंसल्टेंट फिजीशियन हैं, के अनुसार इस अमीबा की मस्तिष्क को जल्दी और गंभीर नुकसान पहुंचाने की क्षमता के कारण इसे ‘Brain Eating Amoeba’ कहा जाता है। यह संक्रमण बेहद तेज़ी से मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिससे मरीज की स्थिति जल्द ही बिगड़ सकती है।

लक्षण: शुरुआत में और बाद में

प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, मिचली, उल्टी, सिरदर्द और गर्दन में अकड़न शामिल होते हैं। संक्रमण बढ़ने के बाद, मरीज में भ्रम, अवसाद, अत्यधिक चिड़चिड़ापन, दौरे, कोमा और अंततः मृत्यु के लक्षण देखे जा सकते हैं।

बचाव और जागरूकता

Brain Eating Amoeba से बचाव के लिए कुछ एहतियाती उपायों का पालन करना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्म ताजे पानी में तैरने या गोताखोरी से बचना चाहिए, विशेष रूप से बारिश के बाद। इसके अलावा, नाक में पानी जाने से बचने के लिए साफ और फ़िल्टर्ड पानी का उपयोग करना चाहिए।
इस संक्रमण के लक्षणों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसके प्रारंभिक लक्षण सामान्य बीमारी से मिलते-जुलते होते हैं। इसलिए, इसकी जल्दी पहचान और इलाज बेहद जरूरी है। हालांकि, PAM (प्राइमरी एमीबिक मीनिंजोएन्सेफालाइटिस) के मामलों में मृत्यु दर बहुत अधिक है (97% से अधिक), लेकिन जागरूकता और सावधानी से इसे रोका जा सकता है।
ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Brain Eating Amoeba) के मामलों में बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस खतरनाक संक्रमण के बारे में अधिक जागरूकता फैलाने की जरूरत को फिर से महसूस कराया है। गर्म पानी में तैरने और नाक के जरिए पानी में घुसने से बचना इस संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।

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