हल्दी में सीसे की मात्रा पर शोध Research on lead content in turmeric
अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि भारत के पटना, पाकिस्तान के कराची और पेशावर, और नेपाल में बिक रही हल्दी में सीसा की मात्रा 1000 माइक्रोग्राम/ग्राम से अधिक थी, जो भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा तय सीमा (10 माइक्रोग्राम/ग्राम) से 200 गुना ज्यादा है। इस अध्ययन में यह भी बताया गया कि गुवाहाटी और चेन्नई में भी हल्दी में निर्धारित सीमा से अधिक सीसा पाया गया।
हल्दी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं Health problems caused by turmeric
सीसा युक्त हल्दी (Turmeric with lead) का सेवन खासतौर पर बच्चों के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है। डॉ. महेश गुप्ता, वरिष्ठ कंसल्टेंट, चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के अनुसार हल्दी में सीसा होने से बच्चों की मानसिक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उनका आईक्यू घट सकता है और वे सीखने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं।” वयस्कों में, लंबे समय तक सीसा का सेवन हृदय रोग, स्ट्रोक और कुछ न्यूरोलॉजिकल विकारों का कारण बन सकता है। इसके अलावा, हल्दी में सीसा के सेवन से पेट में दर्द, मितली, उल्टी, कब्ज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
सीसा के स्रोत और खतरे Sources and hazards of lead
अध्यक्षकर्मी शोधकर्ताओं ने यह पाया कि हल्दी में सीसा (Turmeric with lead) का प्रमुख स्रोत लेड क्रोमेट था, जो एक पीला रंग है और आमतौर पर रंगाई, रबर, प्लास्टिक और सेरामिक कोटिंग्स में इस्तेमाल होता है। यह एक प्रकार का रसायन है, जो हल्दी को चमकदार बनाने के लिए मिलाया जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।बच्चों और वयस्कों के लिए गंभीर परिणाम
डॉ. मनीषा अरोड़ा के अनुसार, “बच्चों में सीसे का नियमित सेवन मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है, जिससे स्थायी सीखने की अक्षमता, कम आईक्यू और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार हो सकते हैं। वहीं, वयस्कों में लंबे समय तक सीसे का सेवन हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।”लीवर और पाचन तंत्र पर प्रभाव
सीसे का सेवन लीवर की कार्यक्षमता को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे शरीर के विषाक्त पदार्थों को निकालने की प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है। इसके अलावा, हल्दी का लगातार सेवन पेट और आंतों की समस्याओं को भी बढ़ा सकता है, जैसे कि गैस्ट्राइटिस, पेप्टिक अल्सर, और इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) जैसी बीमारियां। यह भी पढ़ें
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उपभोक्ताओं के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि बिना पैकिंग वाली हल्दी, जो कि बिना नियंत्रण के बेची जाती है, उसमें सीसे की मात्रा अधिक हो सकती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को पैक्ड और ब्रांडेड हल्दी का उपयोग करना चाहिए, जो भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप हो।अधिकारियों से अपील
विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य अधिकारियों से अपील की है कि हल्दी की आपूर्ति श्रृंखला में लेड क्रोमेट के उपयोग पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, हल्दी के संदूषण को लेकर जागरूकता बढ़ाने और कड़ी परीक्षण प्रक्रिया को लागू करने की आवश्यकता है, ताकि लंबे समय तक शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय रोका जा सके और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके। हल्दी में सीसा (Turmeric with lead) का संदूषण बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसका सावधानी से उपयोग करना आवश्यक है, ताकि इसके फायदों का सही तरीके से लाभ उठाया जा सके और इसके नुकसान से बचा जा सके।