भारत ने ट्रेकोमा को हराया, डब्ल्यूएचओ ने सराहा India defeats trachoma, praised by WHO
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नेपाल, म्यांमार और पाकिस्तान के बाद भारत दक्षिण-पूर्व एशिया का चौथा देश है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है। ट्रैकोमा (Trachoma) एक उष्णकटिबंधीय रोग है जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। डब्ल्यूएचओ के प्रशस्ति पत्र के अनुसार, “विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय कार्यालय को यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत सरकार ने 2024 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रैकोमा (Trachoma) को समाप्त कर दिया है।”
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने कहा, “भारत की सफलता उसकी सरकार के मजबूत नेतृत्व के कारण है।”
आंखों की बीमारी ट्रेकोमा Eye disease trachoma
क्षेत्रीय निदेशक ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की तारीफ की, जिन्होंने आंखों की बीमारी ट्रैकोमा (Trachoma) को रोकने के लिए बहुत काम किया। उन्होंने लोगों को साफ पानी पीने, साफ रहने और चेहरा धोने के लिए भी प्रोत्साहित किया। वाजेद ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 77वें क्षेत्रीय समिति सत्र में ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य पुरस्कार’ समारोह में भारत को एक पट्टिका और प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। भारत को 1950 और 1960 के दशक में ट्रेकोमा एंडेमिक के रूप में जाना जाता था। वर्तमान में, स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में ट्रेकोमा (Trachoma) और संबंधित अंधेपन की भयावहता पर कोई हालिया सबूत नहीं है।
केंद्र सरकार ने देश को बच्चों में संक्रामक ट्रेकोमा और सक्रिय ट्रेकोमा से मुक्त घोषित किया था। 2014 से 2017 तक किए गए राष्ट्रीय ट्रेकोमा प्रसार सर्वेक्षण और ट्रेकोमा रैपिड असेसमेंट सर्वेक्षणों के निष्कर्षों से पता चला है कि सक्रिय ट्रेकोमा का समग्र प्रसार 0.7 प्रतिशत था।