नमक और हाई ब्लड प्रेशर का संबंध Relation between salt and high blood pressure
डॉ. प्रवीण कुमार कुलकर्णी के अनुसार, ज्यादा नमक का सेवन मधुमेह (Salt intake for diabetics) रोगियों में उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकता है। उन्होंने बताया, “मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति पहले से ही उच्च रक्तचाप की चपेट में आने का जोखिम रखते हैं। अत्यधिक नमक का सेवन (Salt intake for diabetics) शरीर में पानी को बनाए रखने का कारण बनता है, जिससे रक्त वाहिनियों में रक्त का संचार बढ़ता है और यह लंबे समय में हृदय प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।”
Salt intake for diabetics : किडनी की सेहत पर असर Effect on kidney health
डॉ. जी. संदीप रेड्डी बताते हैं कि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) मधुमेह (Diabetics) या उच्च रक्तचाप के रोगियों को 1,500 मिलीग्राम प्रति दिन से अधिक सोडियम न लेने की सलाह देती है। यह भी पढ़ें : Diabetes को नियंत्रित करने के लिए 5 सबसे प्रभावी हर्बल चाय उनका कहना है कि अत्यधिक नमक का सेवन
(Salt intake for diabetics) किडनी पर भी बुरा असर डालता है, जो पहले से ही मधुमेह से कमजोर होती है। “मधुमेह में उच्च ब्लड शुगर
(Blood sugar) के कारण किडनी की क्षमता प्रभावित हो जाती है। अतिरिक्त सोडियम का सेवन किडनी को अतिरिक्त काम करने के लिए मजबूर करता है, जिससे पुरानी किडनी बीमारी (CKD) या किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।”
हृदय रोग और स्ट्रोक का बढ़ता जोखिम
डॉ. उषा रानी मानती हैं कि मधुमेह के रोगियों में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। उन्होंने बताया कि, “मधुमेह के रोगियों में रक्त वाहिनियां मोटी हो जाती हैं और अवरोध का खतरा बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। नमक का सेवन घटाकर (Salt intake for diabetics) इस खतरे को कम किया जा सकता है।”
एडिमा और सूजन का कारण बनता है नमक
डॉ. नंबूरी अनिल कुमार कहते हैं कि शरीर में अत्यधिक नमक से पानी का रुकना, सूजन और एडिमा की समस्या उत्पन्न हो सकती है। “मधुमेह के रोगियों में अतिरिक्त फ्लूइड रिटेंशन के कारण पैरों में सूजन बढ़ जाती है, जिससे चलने-फिरने में परेशानी होती है और संक्रमण का खतरा बढ़ता है।” यह भी पढ़ें : Shilpa Shetty ने 32 किलो वजन कैसे घटाया: सरल टिप्स फॉलो करें सावधानी ही है बचाव का उपाय
मधुमेह से ग्रस्त लोगों को यह समझना होगा कि नमक का सेवन
(Salt intake for diabetics) सीमित करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने, किडनी की सुरक्षा और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।