स्वास्थ्य

Covid-19 के बाद की थकान और सांस की कमी का असली कारण उजागर

Long Covid symptoms : एक नए अध्ययन में यह पाया गया है कि मस्तिष्क के ब्रेनस्टेम, जिसे मस्तिष्क का ‘नियंत्रण केंद्र’ कहा जाता है, को नुकसान होने के कारण गंभीर कोविड-19 संक्रमण के बाद लंबे समय तक शारीरिक और मानसिक लक्षण बने रहते हैं।

जयपुरOct 08, 2024 / 11:50 am

Manoj Kumar

Long Covid symptoms :

Long Covid symptoms : एक नए अध्ययन ने यह खुलासा किया है कि कोविड-19 संक्रमण के बाद मस्तिष्क के ब्रेनस्टेम को हुए नुकसान के कारण ही कई मरीजों में शारीरिक और मानसिक लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।
कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने 30 ऐसे लोगों के मस्तिष्क का अध्ययन किया, जिन्हें महामारी के शुरुआती दिनों में गंभीर कोविड (Covid) संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस अध्ययन में अल्ट्रा-हाई-रिज़ॉल्यूशन स्कैनर का उपयोग किया गया, जिससे मस्तिष्क को बारीकी से देखा जा सका।

Long Covid symptoms : ब्रेनस्टेम में बदलाव से लक्षणों की पहचान Identifying symptoms from changes in the brainstem

यह अध्ययन प्रसिद्ध वैज्ञानिक जर्नल Brain में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने पाया कि SARS-CoV-2 वायरस ब्रेनस्टेम के उन हिस्सों को प्रभावित करता है, जो सांस की कमी, थकान, और चिंता जैसी समस्याओं से जुड़े होते हैं। अध्ययन में मस्तिष्क के मेडुला ऑब्लोंगाटा, पोंस, और मिडब्रेन में असामान्यताएं देखी गईं, जो एक न्यूरो-इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रिया के संकेत थे।
Long Covid symptoms : ब्रेनस्टेम हमारे शरीर और चेतना के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है। कोविड (Covid) संक्रमण के बाद मस्तिष्क के इस हिस्से में होने वाले बदलावों से लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों को समझने और उनका बेहतर इलाज करने में मदद मिल सकती है, ऐसा अध्ययन का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर जेम्स रोवे ने कहा।
यह भी पढ़ें-Covid-19 : चीन ने शुरू की महामारी की तैयारी, वुहान लैब में बना नया चमत्कारी नैनोवैक्सीन

मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव Also impacts mental health

Long Covid symptoms : अध्ययन में यह भी पाया गया कि ब्रेनस्टेम के बदलाव सिर्फ शारीरिक लक्षणों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह कोविड (Covid) संक्रमण के बाद अवसाद और चिंता को भी बढ़ा सकते हैं। यह समस्या उम्र और लिंग से संबंधित नहीं थी, बल्कि विशेष रूप से उन लोगों में अधिक थी जो गंभीर संक्रमण से पीड़ित थे।
शोधकर्ता डॉ. कैटरिना रुआ ने कहा कि यह परिणाम अन्य मस्तिष्क संबंधी रोगों जैसे मल्टीपल स्केलेरोसिस और डिमेंशिया के अध्ययन में भी मदद कर सकते हैं।

संबंधित विषय:

Hindi News / Health / Covid-19 के बाद की थकान और सांस की कमी का असली कारण उजागर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.