इस राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (1-7 सितंबर) के मौके पर, हम आपको आयरन की कमी और इसके कारण होने वाले एनीमिया के बारे में जागरूक करेंगे। आइए, जानते हैं हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी से जुड़े लक्षण और इसे सुधारने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय।
क्या है एनीमिया?
जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिकाओं) या हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का स्तर सामान्य से कम हो जाता है, तो उसे एनीमिया कहा जाता है। एनीमिया के कारण शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे कमजोरी, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। विशेष रूप से महिलाओं में मासिक धर्म (Menstruation) और गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी आम समस्या है। शरीर में आयरन की कमी होने पर त्वचा पीली हो सकती है और थकान महसूस हो सकता है।
सामान्य हीमोग्लोबिन स्तर Normal hemoglobin level
हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का सामान्य स्तर पुरुषों में 13.5-17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर और महिलाओं में 12.0-15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होता है। अगर आपका हीमोग्लोबिन इस स्तर से कम है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।हीमोग्लोबिन का महत्त्व
हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जो फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन होने से अंगों को ऑक्सीजन मिलती है और वे सही तरीके से काम कर पाते हैं।एनीमिया के लक्षण
डॉ. मोहसिन वली के अनुसार, आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया के लक्षणों में शामिल हैं:- थकान और कमजोरी
- सिरदर्द
- चक्कर आना और घबराहट
- त्वचा का पीला पड़ना
- साँस फूलना
महिलाओं और बच्चों में आयरन की कमी
डॉ. वली बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं, विशेषकर गर्भावस्था के बाद, आयरन की कमी से ज्यादा प्रभावित होती हैं। उनका कहना है कि महिलाएं अक्सर अपनी सेहत की अनदेखी करती हैं, जिससे उन्हें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। बच्चों में फास्ट फूड के अधिक सेवन के कारण भी आयरन की कमी हो सकती है। डॉ. वली सलाह देते हैं कि बच्चों को पोषक आहार पर जोर देने की जरूरत है, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक विकास सुचारू रूप से हो सके।
आयरन की कमी को कैसे दूर करें?
एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि भोजन में आयरन युक्त आहार शामिल किया जाए। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दालें, अंजीर, और फल जैसे कि सेब और अनार का सेवन बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, शारीरिक व्यायाम और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाना भी महत्वपूर्ण है। रोटी की तुलना में दाल और सब्जियों का अधिक सेवन करने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर को पर्याप्त आयरन मिल सके।