स्ट्रोक: क्या है यह मस्तिष्क की गंभीर स्थिति? Stroke: What is this serious brain condition?
स्ट्रोक (Stroke) तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त प्रवाह अवरुद्ध या कम हो जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल 15 मिलियन लोग स्ट्रोक (Stroke) का शिकार होते हैं, जिनमें से 10 मिलियन या तो मर जाते हैं या स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं।अध्ययन का डेटा और निष्कर्ष
CHeBA टीम ने 14 अध्ययनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिनमें 11 देशों से 20,860 बुजुर्ग शामिल थे। इनमें से किसी भी प्रतिभागी का स्ट्रोक (Stroke) या डिमेंशिया का इतिहास नहीं था। औसतन 73 साल की उम्र वाले इन प्रतिभागियों की संज्ञानात्मक क्षमताओं को उनके स्ट्रोक होने से पहले और बाद में ट्रैक किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रोक (Stroke) से पहले प्रतिभागियों की संज्ञानात्मक गिरावट धीमी गति से हो रही थी, जिसे सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से जोड़ा गया। लेकिन जिन लोगों को अध्ययन के दौरान स्ट्रोक (Stroke) हुआ, उनमें सभी संज्ञानात्मक क्षेत्रों में तेज गिरावट देखी गई।
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स्ट्रोक के बाद संज्ञानात्मक गिरावट का पैटर्न Pattern of cognitive decline after stroke
शोध की प्रमुख जैस लो के अनुसार, “स्ट्रोक से पहले और बाद के कई आकलनों के माध्यम से हमने यह मापने का प्रयास किया कि सोचने और याद रखने की क्षमताओं में किस प्रकार के परिवर्तन आते हैं।” शोध में यह भी पाया गया कि जिन व्यक्तियों में मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, अवसाद, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, धूम्रपान की आदत या APOE4 जीन मौजूद था, उनमें स्ट्रोक से पहले ही संज्ञानात्मक गिरावट की दर अधिक थी।स्ट्रोक से बचने के लिए जोखिम कारकों पर ध्यान दें Pay attention to risk factors to avoid stroke
शोधकर्ताओं का मानना है कि वेस्कुलर (धमनियों संबंधी) जोखिम कारक, जैसे कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक की शुरुआत से कई साल पहले ही संज्ञानात्मक कार्यों पर सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं। इस वजह से, इन जोखिम कारकों को जल्दी पहचानकर और नियंत्रित करके स्ट्रोक और उससे जुड़ी संज्ञानात्मक गिरावट के जोखिम को कम किया जा सकता है। यह भी पढ़ें : Stroke : दिमाग के लिए खतरा बना वायु प्रदुषण, ब्रेन स्ट्रोक को लेकर क्या है लैंसेट का अध्ययन इस शोध ने यह स्पष्ट किया है कि स्ट्रोक न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकता है। इसे रोकने के लिए वेस्कुलर जोखिम कारकों पर ध्यान देना और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक है, ताकि मस्तिष्क को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखा जा सके।