कसरत से पहले 5-10 मिनट वॉर्मअप एक्सरसाइज करें, ताकि मसल्स लचीली हों। 20-22त्न मामलों में ट्रेनर या कोच के न होने से चोट लगती है। यदि प्रभावित हिस्से पर सूजन व दर्द 3-4 दिन या इससे ज्यादा समय तक रहें तो डॉक्टरी सलाह लें। इसमें कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और लचीलापन आदि शामिल हैं। ये सब चोट की संभावना को कम करने में मदद करेंगे। वैकल्पिक रूप से विभिन्न मसल्स ग्रुप के लिए और हर दूसरे दिन एक्सरसाइज करें।
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– वर्कआउट से पहले वॉर्मअप व आदतो में बदलाव से कम होगी स्पोट्र्स इंजरी – 20-22% मामलों में कोच या ट्रेनर के न होने से खेल या व्यायाम करते समय चोट लग जाती है।
(स्ट्रैटजिक मार्केट रिसर्च के अनुसार) डॉ. वैभव डागा
स्पोट्र्स मेडिसिन एक्सपर्ट, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई Avoid excessive exercise ज्यादा एक्सरसाइज से बचें
अगर आपको चोट लग जाती है तो जब तक आप पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाते, खेल या व्यायाम शुरू न करें। दर्द में खासतौर पर काम शुरू न करें।
व्यायाम या खेलकूद से पहले हमारा शरीर ठंडा होता है। ठंडे शरीर में जल्दी चोट लगती है। ऐसे में वार्मअप जरूरी है। पर्याप्त पानी डिहाइड्रेशन, हीटस्ट्रोक से बचाता है।
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Don’t forget stretching स्ट्रेचिंग न भूलें
स्ट्रेचिंग, मांसपेशियों के संकुचन व परफॉर्मेंस में सुधार कर सकती हैं। चोट का जोखिम कम होता है। स्ट्रेचिंग दर्दनाक न हो, बल्कि धीरे-धीरे शुरू करें। सही तकनीक और उपकरण
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Protect every part of the body from injury चोट से ऐसे बचाएं शरीर का हर अंग
शरीर के हर अंग के लिए अलग-अलग व्यायाम होते हैं। इन अंगों को इंजरी से बचाने के लिए कौन-कौनसी व्यायाम प्रक्रिया अपनानी चाहिए। जानते हैं इसके बारे में-
– गर्दन और पीठ का दर्द
बैक इंजरी या कमरदर्द से बचने के लिए गर्दन, बैक और पेट की मसल्स को स्ट्रेच करना चाहिए।
– पंजों का दर्द
पंजों के दर्द से निजात पाने के लिए अपने पंजे को आराम से 10 सेकेंड तक पीछे की ओर खींचे और फिर इसे स्ट्रेच करें। यह प्रक्रिया 10 बार दोहराएं। पंजों के दर्द से आराम पाने के लिए हील पैड्स के साथ जूते पहन सकते हैं।
– मांसपेशियों का दर्द
मांसपेशियों में दर्द हो तो ध्यान रखें कि स्ट्रेचिंग के समय बिल्कुल भी न बाउंस न करें। वर्कआउट से पहले और बाद में वार्मअप करना कभी न भूलें।
– शिन स्प्लिंट्स
मांसपेशियों में तनाव कम करने के लिए नर्म जूते पहनने चाहिए। एथलीट्स को घास या फिर लकड़ी जैसी किसी नर्म चीज पर ही वर्कआउट करना चाहिए, न की कंक्रीट के बने ठोस फर्श पर।
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– मोच
स्ट्रेंथ व रेंज ऑफ मोशन बढ़ाने के लिए टखनों के जोड़ों की स्ट्रेचिंग पर ध्यान दें।
– स्ट्रेस फ्रेक्चर
इस समस्या में वार्मअप पूरा करने के बाद खुद को ठंडा रखने से शरीर के हर एक हिस्से को फायदा पहुंचता है। ध्यान रहे, इस दौरान शरीर के किसी एक भाग पर ज्यादा स्ट्रेस न दें।
– टेनिस एल्बो
टेनिस एल्बो से निपटने के लिए रबर की गेंद को दबाना चाहिए। इसके साथ ही लाइट वेट के साथ रिवर्स कर्ल भी कर सकते हैं।
– रनर्स नी
इस इंजरी से बचने के लिए अपने घुटने को सीधा और रिलेक्स मोड में रखना चाहिए, ताकि क्वाड्रिशेप्स (थाई के आगे वाली मांसपेशी) को मजबूती मिल सके। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।