यदि आप भी खाते हैं पपीता तो हो जाए सावधान, नहीं तो अमृत की जगह होगा जहर का काम
Side effects of papaya : पपीता खाना अकसर हर किसी को पसंद होता है। कई लोग तो इसका जूस पीना बहुत पसंद करते हैं। वजन कम करने वाले लोगों को पपीता खाना की सलाह भी दी जाती है। पपीते में कई गुण मौजूद होते है जिससे लाभ मिलता है। पीला पपीते को डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। पपीते में कैलोरी और फैट कम मात्रा में मौजूद होते हैं इसलिए यह वजन कम करने में सहायक फूड माना जाता है।
Side effects of papaya : पपीता खाना अकसर हर किसी को पसंद होता है। कई लोग तो इसका जूस पीना बहुत पसंद करते हैं। वजन कम करने वाले लोगों को पपीता खाना की सलाह भी दी जाती है। पपीते में कई गुण मौजूद होते है जिससे लाभ मिलता है। पीला पपीते को डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। पपीते में कैलोरी और फैट कम मात्रा में मौजूद होते हैं इसलिए यह वजन कम करने में सहायक फूड माना जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं पपीते (Side effects of papaya) के कुछ दुष्प्रभाव भी है। सेहत से भरा ये चमत्कारी फल कई लोगों के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। तो हम बात करेंगे कि यह किन लोगों के लिए नुकसानदायक (Side effects of papaya) हो सकता है।
क्या है पपीता खाने के नुकसान : Side effects of papaya
कब्ज यदि हम अत्यधिक मात्रा में पपीते का सेवन (Side effects of papaya) करते हैं तो कब्ज की समस्या हो सकती है क्योंकि पपीते में फाइबर मौजूद होता है और फाइबर के ज्यादा सेवन से ऐसी समस्या उत्पन हो सकती है।
गर्भावस्था में यदि गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान आधा पका पपीता या कच्चा पपीता खाती है तो उनका गर्भपात हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पपीते के सेवन को परहेज करना चाहिए।
पाचन तंत्र अकसर पेट की समस्या होने पर पपीता खाने की सलाह दी जाती है लेकिन इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने समस्या उत्पन हो सकती है। जरूरत से ज्यादा पपीते का सेवन पाचन तंत्र की समस्या को बढ़ा सकता है।
एलर्जी पपीते में एंजाइम मौजूद होता है जो एक शक्तिशाली एलर्जेन माना जाता है। इसलिए पपीते का अत्यधिक सेवन कई रेस्पिरेटरी विकारों को ट्रिगर कर सकता है। कुछ लोगों को पपीता खाने से एलर्जी हो सकती है।
डिहाइड्रेशन पपीता एक रेशेदार फल होता है जिसके अत्यधिक सेवन से दस्त की समस्या हो सकती है। जरूरत से ज्यादा पपीते का सेवन करने से डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो जाती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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