मोमज के ऊपर कि जो लेयर होती है उसे मैदे के द्वारा ही बनाया जाता है। मैदे का ज्यादा मात्रा में सेवन शरीर कई प्रकार के नुकसान पंहुचा सकता है जिससे कि डायबिटीज का खतरा बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए मोमोज को ज्यादा मात्रा में सेवन से बचना चाहिए नहीं तो इन्सुलिन का लेवल भी हाई हो सकता है। इसलिए डायबिटीज के पेशेंट्स को मोमोज का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से बचना चहिये।
मोमज के अंदर जो स्टफिंग यदि लंबे समय तक भरी रहती है जैसे कि चिकन, अंडा, गोभी आदि। तो ये चीजें ज्यादा देर तक अंदर रहने कि वजह से खराब होना शुरू हो जाती हैं। वहीं नॉन वेज खराब होने के चान्सेस गर्मियों में खराब होने के जल्दी रहते हैं इसलिए इनका सेवन लिमिट में ही करना चाहिए।
लाल मिर्च का सेवन ज्यादा मात्रा में कर लिया जाता है तो पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए सेवन सिमित मात्रा में ही करना फायदेमंद होता है। इसलिए मोमज के साथ इसकी चटनी भी कम नुकसानदायक नहीं होती है। इसके ज्यादा मात्रा में सेवन से पेट में जलन और दर्द के जैसी समस्याएं उपन्न हो सकती हैं।
मोमोज में मैदे की मात्रा बहुत ही ज्यादा अधिक होती है, मैदा आसानी से डाइजेस्ट नहीं होता है, वहीं ये पेट से जुड़ी कई समस्यायों को भी उत्पन्न करता है। इसलिए यदि वेट को कंट्रोल करना चाहते हैं तो हफ्ते में दो दिन से ज्यादा इसका सेवन न करें।
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मोमज पत्ता गोभी से बनाया जाता है और पत्ता गोभी में टैपवार्म की मात्रा भी बहुत ही ज्यादा होती है। वहीं यदि ये ठीक से पका हुआ न हो या बिना सही से धुले इसे बनाया गया हो तो ये दिमाग तक में पंहुच सकता है। इसलिए मोमोज खाना पसंद करते हैं तो इसे घर में बनाने कि टॉय करें और जी भर के खाएं।
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