Covid-19 वैक्सीन के लिए ऐसे बुक करें अपॉइंटमेंट, पढ़ें पूरा प्रोसेस
How does sputnik v covid-19 vaccine work
दुनिया में सबसे पहले रूस की स्पुतनिक को ही कोरोना की वैक्सीन के रूप में मंजूरी मिली थी। इसे रूस के अतिरिक्त दुनिया के 65 देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। स्पुतनिक वैक्सीन एडिनोवायरस वायरल वेक्टर पर आधारित वैक्सीन है और इसका वायरस के खिलाफ प्रभावी दर 91.6 फीसदी है। एडिनोवायरस भी एक तरह का वायरस ही होता है, जिससे इंसानों में सर्दी जुकाम की समस्या हो जाती है। एडिनोवायरस शरीर में एक डिलीवरी वाहक के तौर पर काम करते हैं जो डीएनए को शरीर में कोरोना वायरस की मौजूदगी का अहसास कराते हैं। जिसके बाद हमारे शरीर की इम्यूनिटी तेजी से एक्टिव होने लगती है और वायरस के खिलाफ लड़ती है।
बच्चों के लिए पिने के दूध में गाय, भैंस और बकरी में से कौनसा है सर्वश्रेष्ठ, जानिए यहां
Side effects of covid vaccine sputnik v
मेडिकल न्यूज टुडे पोर्टल के अनुसार, स्पुतनिक वैक्सीन लगवाने से फ्लु जैसी बीमारी, सिर दर्द, कमजोरी और इंजेक्शन लगवाने वाली जगह पर इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। बता दें कि फाइजर, मोडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कोरोना वैक्सीन में ऐसे ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। लेकिन ऐसे साइड इफ़ेक्ट तो लगभग सभी वैक्सीन में देखने को मिलते हैं।
इस साल फरवरी में मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी स्पुतनिक वैक्सीन के तीसरे ट्रायल के पेपर में यह भी बताया गया है कि 16427 वॉलंटियर्स में से 45 को गंभीर किस्म के लक्षण भी देखने को मिले थे। इनमें हेमरेज स्ट्रोक और हाइपरटेंशन प्रमुख हैं. हालांकि इंडिपेंटेंड डाटा मॉनिटरिंग कमेटी ने कहा है कि उक्त साइड इफेक्ट में से एक भी वैक्सीन के चलते नहीं हुए थे।
चूंकि वैक्सीन में एडिनोवायरस का इस्तेमाल किया गया है तो उसके रेप्लिकेशन का भी डर है. हाल ही में ब्राजील ने शिकायत की थी कि स्पुतनिक वैक्सीन लेने वाले कुछ लोगों में एडिनोवायरस का रेप्लिकेशन हुआ है। हालांकि गामेलेया नेशनल सेंटर ने इस बात को खारिज कर दिया है।