एचपीवी संक्रमण क्या है? & what Is HPV Infection
एचपीवी एक बेहद कॉमन यौन संचारित संक्रमण है, जो सबसे ज्यादा यौन सक्रिय लोगों में होती है और किसी भी उम्र में ये हो सकती है। एचपीवी संक्रमण शुरू होता है तो मरीज के के हाथ, पैर और जननांगों पर मस्से बनने लगते हैं। ये मस्से कई बार कैंसर के उच्च जोखिम का खतरा भी पैदा करते हैं। एचपीवी एक ऐसा वायरस है जो संभोग के जरिये त्वचा से एक से दूसरे की त्वचा में फैल जाता है। मां से ये शिशु को भी हो सकता है। मां के सांस और स्किन के संपर्क में आने से ये संक्रमण होता है।
एचपीवी एक बेहद कॉमन यौन संचारित संक्रमण है, जो सबसे ज्यादा यौन सक्रिय लोगों में होती है और किसी भी उम्र में ये हो सकती है। एचपीवी संक्रमण शुरू होता है तो मरीज के के हाथ, पैर और जननांगों पर मस्से बनने लगते हैं। ये मस्से कई बार कैंसर के उच्च जोखिम का खतरा भी पैदा करते हैं। एचपीवी एक ऐसा वायरस है जो संभोग के जरिये त्वचा से एक से दूसरे की त्वचा में फैल जाता है। मां से ये शिशु को भी हो सकता है। मां के सांस और स्किन के संपर्क में आने से ये संक्रमण होता है।
एचपीवी के प्रकार – Types of HPV
एचपीवी 150 से ज्यादा संबंधित वायरसों का एक समूह है। कुछ प्रकार के एचपीवी वायरस कैंसर को भी पैदा कर सकते हैं। एचपीवी संक्रमण के कारण मुंह कैंसर, गला में कैंसर और गुदा या मलाशय में कैंसर विकसित हो सकता है। पुरूषों को पेनिल कैंसर का भी खतरा रहता है। वहीं, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर या वल्वर एचपीवी (Vulvar HPV) कैंसर हो सकता है। हालांकि, कुछ वैक्सीन इस संक्रमण को रोकने के लिए मौजूद है।
एचपीवी 150 से ज्यादा संबंधित वायरसों का एक समूह है। कुछ प्रकार के एचपीवी वायरस कैंसर को भी पैदा कर सकते हैं। एचपीवी संक्रमण के कारण मुंह कैंसर, गला में कैंसर और गुदा या मलाशय में कैंसर विकसित हो सकता है। पुरूषों को पेनिल कैंसर का भी खतरा रहता है। वहीं, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर या वल्वर एचपीवी (Vulvar HPV) कैंसर हो सकता है। हालांकि, कुछ वैक्सीन इस संक्रमण को रोकने के लिए मौजूद है।
एचपीवी के लक्षण – HPV Symptoms
एचपीवी संक्रमित की इम्युनिटी बेहद कम हो जाती है। शरीर में मस्से बनने लगते हैं। मस्से का आकार और दिखावट अलग-अलग होते हैं। ये एचपीवी संक्रमण की गंभीरता के आधार पर होते हैं।
एचपीवी संक्रमित की इम्युनिटी बेहद कम हो जाती है। शरीर में मस्से बनने लगते हैं। मस्से का आकार और दिखावट अलग-अलग होते हैं। ये एचपीवी संक्रमण की गंभीरता के आधार पर होते हैं।
जननांग पर होने वाला मस्सा (Genital Warts) – ये मस्सा दर्द का कारण बनता है। इसमें खुजली की समस्या हो सकती है। सामान्य मस्सा (Common Warts) – यह खुरदरा और त्वचा की स्तह से उपर उठा हुआ होता है। आम तौर पर हाथों, उंगलियों और कोहनी पर होता है। ये अपनी दिखावट के कारण ही समस्या बनता है।
तलवे का मस्सा (Plantar Warts) – यह कठोर, रुखा और दानेदार होता है। पैर के तलवे के उस हिस्सों पर होता है, जहां शरीर का सबसे ज्यादा भार होता है। इस मस्से के कारण बेचैनी और दर्द हो सकता है।
स्पाट मस्सा (Flat Warts) – यह सामान्य त्वचा से उपर की उभरा एक मस्सा होता है, आपके नियमित त्वचा के रंग की तुलना में थोड़ा सा उपर उठा हुआ एक गहरा घाव होता है। आम तौर पर यह चेहरे, गर्दन या उन क्षेत्रों पर दिखाई देते हैं जैसे खरोंच लगी हो।
सर्वाइकल कैंसर:सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले जननांग एचपीवी की दो विशिष्ट किस्मों के कारण होते हैं। एचपीवी की ये दो किस्में मस्से पैदा नहीं करती, इसलिए महिलाओं को इस बीमारी का पता नहीं चलता।
सर्वाइकल कैंसर के शुरूआत में लक्षण नहीं होते और इसे केवल पेप टेस्ट से पकड़ा जा सकता है। वहीं, सर्विक्स (Cervix) में कैंसर से पहले होने वाले बदलाव जो कैंसर का रूप ले लेते हैं, उनका पता लगता है। इसलिए 21 से 65 उम्र की महिलाओं को तीन साल में कम से कम एक बार पेप टेस्ट करवाना ही चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर के शुरूआत में लक्षण नहीं होते और इसे केवल पेप टेस्ट से पकड़ा जा सकता है। वहीं, सर्विक्स (Cervix) में कैंसर से पहले होने वाले बदलाव जो कैंसर का रूप ले लेते हैं, उनका पता लगता है। इसलिए 21 से 65 उम्र की महिलाओं को तीन साल में कम से कम एक बार पेप टेस्ट करवाना ही चाहिए।
एचपीवी के कारण और जोखिम कारक – HPV Causes & Risk Factors
एचपीवी क्यों होता है? एचपीवी संक्रमण तब होता है जब एचपी वायरस आपके शरीर में किसी कट या खरोंच के माध्यम से अंदर चला जाता है। एचपीवीवायरस मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के संपर्क से संचारित होता है। जननांग एचपीवी संक्रमण यौन संभोग, सेक्स व अन्य त्वचा से त्वचा के संपर्क के माध्यम से ग्रहण किया जा सकता है। कुछ प्रकार के एचपीवी संक्रमण जो मुंह के आसपास या ऊपरी श्वसन में घाव पैदा करता है, वह ओरल सेक्स के कारण होता है।
एचपीवी के जोखिम कारक क्या हैं? What are the risk factors for HPV?
एचपीवी क्यों होता है? एचपीवी संक्रमण तब होता है जब एचपी वायरस आपके शरीर में किसी कट या खरोंच के माध्यम से अंदर चला जाता है। एचपीवीवायरस मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के संपर्क से संचारित होता है। जननांग एचपीवी संक्रमण यौन संभोग, सेक्स व अन्य त्वचा से त्वचा के संपर्क के माध्यम से ग्रहण किया जा सकता है। कुछ प्रकार के एचपीवी संक्रमण जो मुंह के आसपास या ऊपरी श्वसन में घाव पैदा करता है, वह ओरल सेक्स के कारण होता है।
एचपीवी के जोखिम कारक क्या हैं? What are the risk factors for HPV?
एक से अधिक यौन साथी – यौन साथियों की संख्या जितनी अधिक होगी, एचपीवी वायरस के संपर्क में आने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। उम्र – सामान्य मस्से अक्सर बच्चों में ही निकलते हैं, जबकि तलवे के मस्से ज्यादा व्ययस्कों में निकलते हैं। किशोरों और बच्चों में इसके शुरू होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है। जननांग मस्से किशोरों और बच्चो में अक्सर ज्यादा होते हैं।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली – जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनके लिए एचपीवी संक्रमण के जोखिम काफी ज्यादा होते हैं। क्षतिग्रस्त त्वचा – जिन लोगों की त्वचा के किसी हिस्से पर छेद बना हो या चोट आदि लगी हो, तो वे सामान्य मस्से के लिए अधिक प्रवृत्त होते हैं।
व्यक्तिगत संपर्क – किसी दूसरे व्यक्ति के मस्से को छूने से या एचपीवी वायरस के संपर्क में आई वस्तुओं को छूना, जैसे सार्वजनिक बाथरूम या स्विमिंग पूल आदि से एचपीवी संक्रमण के जोखिम बढ़ सकते हैं।
बचाव के लिए एचपीवी टीका या इंजेक्शन – HPV Vaccine and Prevention एचपीवी टीका (HPV Vaccination) – वर्तमान में 2 टीके हैं जो एचपीवी 16 और 18 दोनों के खिलाफ बचाव करते हैं, जो सर्वाइकल कैंसर के मामले में 70 प्रतिशत का कारण बनते हैं। इन टीकों में से एक टीका एचपीवी 6 और 11 के खिलाफ बचाव रखता है, ये एचपीवी एनोजेनिटल मस्से (Anogenital Warts) विकसित करते हैं। एचपीवी 16 और 18 के संक्रमण को रोकने में दोनों टीके प्रभावी और सुरक्षित हैं। अगर एचपीवी के संपर्क से पहले इन्हें लगा दिया जाए, तो ये दोनों टीके सबसे बेहतर तरीके से काम करते हैं। इसलिए, किसी भी यौन गतिविधि से पहले इन टीकों का इस्तेमाल कर लेना बेहतर हो सकता है। ये टीके एचपीवी संक्रमण या उनसे जुड़े रोगों (जैसे कैंसर) का इलाज नहीं करते, ये सिर्फ बचाव कर सकते हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने 9 से13 वर्ष की आयु की लड़कियों के लिए टीकाकरण कराने की सलाह देता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।