Sexual enhancement products : यूके बेस्ड संस्था बुक इंडिया की स्टडी रिपोर्ट में गधों की संख्या कम होने का यही प्रमुख कारण बताया गया है। इसका असर जयपुर के भावगढ़ बंध्या में शारदीय नवरात्र में चार दिवसीय खलकाणी माता के गधा मेले पर भी पड़ा है। करीब दो दशक पहले मेले में पूरे देश से 25000 से ज्यादा गधे बिकने आते थे। इस बार मेले में केवल 15 गधे ही बिकने आए।
यहां कुछ तरीके हैं जिनसे गधों की खाल का इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने में किया जाता है: Sexual enhancement products
जड़ी-बूटियों के साथ मिश्रण: गधे की खाल (Donkey skin) को उबालकर उसका अर्क बनाया जाता है, जिसे अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं में शामिल किया जाता है। यह रक्त प्रवाह बढ़ाने और ऊर्जा स्तर को सुधारने का काम करता है। बुनियादी पोषण: गधे की खाल (Donkey skin) में कोलेजन, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की सामान्य सेहत में सुधार लाने में मदद कर सकते हैं। इसे मर्दानगी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह भी पढ़ें : शरीर को फौलादी बना देती हैं ये छोटी-छोटी सफेद बॉल्स, फायदे हैं अनगिनत पारंपरिक दवाओं में उपयोग: चीनी पारंपरिक चिकित्सा में गधे की खाल (Donkey skin) का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं और टॉनिक्स में किया जाता है, जो शरीर की शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए बनाए जाते हैं।
अवसाद और तनाव में कमी: यह माना जाता है कि गधे की खाल (Donkey skin) से बने उत्पाद मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति में सुधार होता है, जो मर्दानगी को प्रभावित कर सकता है।
लंबी उम्र का प्रतीक: पारंपरिक चीनी चिकित्सा में, गधे की खाल (Donkey skin) को स्वास्थ्य और दीर्घकालिक जीवन से जोड़ा जाता है, जिससे व्यक्ति की ऊर्जा और शक्ति को बढ़ाने की धारणा को मजबूत किया जाता है।
देश में बचे सिर्फ एक लाख बीस हजार
मेले में लद्दाख, अफगानिस्तान, काठमांडू, सिंध, पंजाब, गुजरात तक से गधे आते थे। पहले तो आयोजक इसे गधों की उपयोगिता कम होना मान रहे थे, लेकिन रिपोर्ट में पशुपालन विभाग को सोचने पर मजबूर कर दिया है। 2019 की लाइव स्टॉक पशु गणना के मुताबिक देश में सिर्फ 1.2 लाख गधे ही बचे थे, यह संख्या 2012 की पशु गणना के मुकाबले औसतन 61.23 फीसदी कम दर्ज की गई।हर साल 60 लाख गधों का कत्ल
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में गधे की खाल (Donkey skin) का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है। पुरुषों की मर्दानगी बढ़ाने के लिए खाल से दवा बनाई जाती है। दुनियाभर में इस दवा की बिक्री इतनी है कि हर साल विश्व में 60 लाख गधे मार दिए जाते हैं। इसके चलते भारत समेत दूसरे देशों से अवैध तरीके से गधों को चीन मंगवाया जा रहा है। ब्रुक इंडिया ने की स्टडी में कहा गया है कि भारत के गधों को नेपाल के रास्ते चीन भेजा जा रहा है। ब्रुक इंडिया ने भारत सरकार के एनिमल हसबेंडरी व डेयरी डिपार्टमेंट को रिपोर्ट सौंप दी है। गधों के मेले में पहले दूर-दूर से गधे आया करते थे लेकिन रिपोर्ट सामने आई तो सभी भौंचक रह गए। सरकार को ऊंटों के संरक्षण की तरह गधा संरक्षण के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए। उम्मेद सिंह राजावत, अध्यक्ष अखिल भारतीय गर्दभ मेला विकास समिति
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