scriptपीरियड्स में भागदौड़ और उछल-कूद करना सेहत के लिए नुकसानदेह है या लाभदायक जानें जरूरी सावधानियां | Running and jumping during periods beneficial for health | Patrika News
स्वास्थ्य

पीरियड्स में भागदौड़ और उछल-कूद करना सेहत के लिए नुकसानदेह है या लाभदायक जानें जरूरी सावधानियां

महिलाओं के स्वास्थ जीवन में कुछ ऐसे समय आते हैं जहां उन्हे काफी तकलीफ से गुजरना होता है ।पीरियड्स के दौरान अकसर महिलाएं खुद को एक कमरे में बंद कर लेती हैं। पूरे दिन उनका बिस्तर पर एक करवट लिए निकलता है। उन्हें लगता है कि यदि वे इस दौरान ज्यादा भागदौड़ करेंगी तो इससे पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द बढ़ सकता है। पीरियड्स के दौरान अकसर महिलाओं को पेट में ऐंठन, पेट में दर्द, थकान आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस दौरान रनिंग कितनी सुरक्षित है और कितनी असुरक्षित इसके बारे में पता होना जरूरी है

Dec 13, 2021 / 12:49 pm

MD IMRAN AHMAD

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ये भी पढ़ें जानिए पीरियड्स के दौरान कौन सा एक्सरसाइज महिलाओं को नहीं करनी चाहिए हो सकता है नुकसान नई दिल्ली : ज हम आपको बताएंगे कि पीरियड्स के दौरान भागदौड़ करने से सेहत को क्या लाभ हो सकते हैं। साथ ही इस दौरान बरतने वाली सावधानी के बारे में भी जानेंगे। पीरियड्स के दौरान रनिंग करने से सेहत को क्या फायदे हो सकते हैं साथ ही रनिंग करने के वक्त क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
पीरियड्स के दौरान भागदौड़ करना कर सकते हैं

पीरियड्स के दौरान रनिंग की जा सकती है। बता दें कि रनिंग को फीजिकल एक्टिविटी का हिस्सा ही मानते हैं। इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है। जिसके मुताबिक मासिक धर्म के दौरान फीजिकल एक्टिविटी की जा सकती है। बता दें कि इसके माध्यम से पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानी को दूर किया जा सकता है।
पीरियड्स के दौरान रनिंग करने के फायदे
पीरियड्स के दौरान रनिंग करने से सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। ये फायदे निम्न हो सकते हैं

1 – शरीर में ऊर्जा बनी रहना
बता दें कि पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है, जिसके कारण उनके शरीर में थकान और सुस्ती आ सकती है। ध्यान दें कि एरोबिक एक्सरसाइज के अंदर तेज चलना और दौड़ना भी शामिल है। इस आधार पर देखा जाए, तो पीरियड में रनिंग करने से एक्टिव रहने में मदद मिल सकती है।
2 – मूड होगा बेहतर
पीरियड्स के दौरान रनिंग करने से न केवल मूड को बेहतर किया जा सकता है बल्कि इससे तनाव को भी दूर किया जा सकता है। बता दें कि इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है जिससे यह साबित होता है शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क एंडॉर्फिन के तंत्र पर प्रभाव डाल सकती है। यही कारण होता है कि महिलाओं को अपना मूड अच्छा महसूस होता है और उनके अंदर एनर्जी भी बनी रहती है।
3 – पेल्विक दर्द को करे दूर
पेल्विक दर्द से राहत पाने में रनिंग आपके बेहद काम आ सकती है। पीरियड्स के दौरान अकसर महिलाओं को पेल्विक दर्द का सामना करना पड़ता है ऐसे में इस दर्द को दूर करने में एरोबिक एक्सरसाइड बेहद उपयोगी है। एरोबिक एक्सरसाइज के अंदर रनिंग शामिल है। इस पर एक शोध भी सामने आया है, जिससे साबित होता है कि एरोबिक एक्सरसाइज न केवल पेल्विक दर्द के जोखिम को कम करने में मददगार है बल्कि इससे पेट की ऐंठन भी दूर हो सकती है।
4 – मूड स्विंग से राहत
पीरियड में यदि रनिंग की जाए तो पीएमएस के लक्षणों से भी राहत मिल सकती है। इसके लक्षणों में मूड स्विंग फूड क्रेविंग थकान आदि शामिल हैं। इससे संबंधित एक रिसर्च भी हुई है जिससे ये पता चलता है कि रनिंग करने से महिलाओं में मासिक धर्म के लक्षणों को कम किया जा सकता है। मासिक धर्म के दर्द से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज एक अच्छा विकल्प है।
पीरियड्स के दौरान रनिंग करते वक्त बरतने वाली सावधानी
पीरियड्स के दौरान यदि महिलाएं रनिंग कर रही हैं तो उन्हें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है।

1 – यदि पीरियड्स के दौरान दर्द ज्यादा हो रहा है तो उस वक्त रनिंग ना करें वरना समस्या बढ़ सकती है।
2 – पीरियड्स के दौरान लगातार दौड़ने से बचें।

3 – डिहाइड्रेशन की स्थिति में रनिंग ना करें।

4 – पीरियड्स के दौरान ज्यादा तेज ना दौड़ें। बल्कि अपनी स्पीड नॉर्मल रखें।
पीरियड्स के दौरान रनिंग की जा सकती है। लेकिन अगर ब्लड फ्लो ज्यादा हो रहा है तो उस दौरान डॉक्टर की सलाह पर ही रनिंग करें। इससे अलग यदि पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द हो रहा है तो ऐसे में रनिंग या किसी एक्सरसाइज को भी अपनी डाइट में जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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