Cardiovascular disease smoking risks
1. कैसे बढ़ता है धूम्रपान से सीवीडी का खतरा?
धूम्रपान और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) का सीधा संबंध है। अध्ययन से पता चला है कि जो लोग लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं, उनमें हृदय रोगों का खतरा बहुत अधिक होता है। भले ही धूम्रपान छोड़ दिया जाए, लेकिन हृदय रोग के खतरे को पूरी तरह कम होने में सालों लग सकते हैं।2. कम समय के लिए धूम्रपान करने वाले पर भी प्रभाव
अध्ययन में बताया गया कि जो लोग कम समय के लिए धूम्रपान करते हैं, यानी आठ पैक-वर्ष (पैक ईयर्स) से कम, उनमें सीवीडी (Cardiovascular disease) का खतरा कभी धूम्रपान न करने वालों के बराबर नहीं होता। इसका मतलब है कि थोड़े समय का धूम्रपान भी हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। यह भी पढ़ें : क्या सुबह-सुबह नारियल पानी पीना फायदेमंद है? जानें सही समय
3. ज्यादा धूम्रपान करने वालों को खतरा ज्यादा
जिन लोगों ने लंबे समय तक धूम्रपान किया है (कम से कम 8 पीवाई) और फिर छोड़ दिया, उन्हें धूम्रपान के हानिकारक प्रभाव से पूरी तरह उबरने में 25 साल से अधिक का समय लग सकता है। ऐसे लोगों को भी हृदय रोग के समान जोखिम का सामना करना पड़ता है, जैसा कि वर्तमान धूम्रपान करने वालों को होता है।4. कब तक छोड़ दें धूम्रपान?
अध्ययन से यह भी निष्कर्ष निकला कि अगर लोग 8 पीवाई तक पहुंचने से पहले धूम्रपान छोड़ देते हैं तो उनके हृदय रोगों (Cardiovascular disease) के खतरे में काफी कमी आ सकती है। मतलब, अगर कोई धूम्रपान करने वाला 8 पीवाई से पहले ही इसे छोड़ देता है तो उसका दिल अपेक्षाकृत स्वस्थ रह सकता है।5. धूम्रपान के प्रभावों का बोझ और सही समय पर रोकथाम
धूम्रपान से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को मापने के लिए “रिटर्न प्वाइंट” पर भी जोर दिया गया है। यदि धूम्रपान छोड़ने का निर्णय सही समय पर लिया जाए, तो व्यक्ति न केवल हृदय बल्कि अन्य अंगों को भी होने वाले नुकसान से बच सकता है। इससे हृदय स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद की जा सकती है। यह भी पढ़ें : 7 benefits of consuming black raisins : हड्डियों को फौलादी बना देता है काला किशमिश , रोजाना सेवन करने के 7 फायदें