क्या है विसरल फैट? What is visceral fat?
विसरल फैट (Belly Fat) वह चर्बी है जो आंतरिक अंगों जैसे लिवर, हृदय और किडनी के चारों ओर जमा होती है। यह त्वचा के नीचे मौजूद सबक्यूटेनियस फैट से अलग और मेटाबॉलिक रूप से अधिक सक्रिय होती है। यही कारण है कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे डायबिटीज, हृदय रोग और अब अल्जाइमर, के जोखिम को बढ़ाती है।अल्जाइमर और आंत की चर्बी का कनेक्शन The connection between Alzheimer’s and visceral fat
रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (RSNA) की बैठक में प्रस्तुत अध्ययन में पाया गया कि आंत की चर्बी (Visceral fat) का उच्च स्तर मस्तिष्क में एमिलॉइड और टाऊ प्रोटीन के उच्च स्तरों से जुड़ा है। ये प्रोटीन अल्जाइमर रोग के प्रमुख कारक हैं। यह भी पढ़ें : सर्दियों में अलसी को डाइट में कैसे करें शामिल? जानें इसके 5 बेहतरीन फायदे
इनमें से 57.5 प्रतिशत मोटापे से ग्रस्त थे और औसत बीएमआई 32.31 था।
अधिक आंत की चर्बी और इंसुलिन प्रतिरोध मस्तिष्क में उच्च एमिलॉइड से संबंधित पाए गए।
उच्च एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल) ने इस प्रभाव को आंशिक रूप से कम किया।
अध्ययन की मुख्य बातें
80 मध्यम आयु वर्ग के प्रतिभागियों पर अध्ययन किया गया।इनमें से 57.5 प्रतिशत मोटापे से ग्रस्त थे और औसत बीएमआई 32.31 था।
अधिक आंत की चर्बी और इंसुलिन प्रतिरोध मस्तिष्क में उच्च एमिलॉइड से संबंधित पाए गए।
उच्च एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल) ने इस प्रभाव को आंशिक रूप से कम किया।
मस्तिष्क पर चर्बी का असर क्यों?
शोधकर्ताओं के अनुसार, आंत की चर्बी (Visceral fat) में मेटाबॉलिक रूप से सक्रिय फैटी एसिड और हार्मोन होते हैं, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। यह न केवल अल्जाइमर बल्कि अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का भी कारण बन सकता है।
पेट की चर्बी घटाने के उपाय Ways to reduce belly fat
शोध में पेट की चर्बी कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए: नियमित व्यायाम: एरोबिक्स और वेट ट्रेनिंग से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।संतुलित आहार: फाइबर और प्रोटीन से भरपूर आहार लें, और शुगर व जंक फूड से बचें।
जीवनशैली में बदलाव: तनाव कम करें, पर्याप्त नींद लें, और धूम्रपान से बचें।
मोटापा और अल्जाइमर का गहराता संबंध Connection between obesity and Alzheimer’s
शोधकर्ता डॉ. महसा दौलतशाही के अनुसार, यह अध्ययन यह दिखाता है कि मोटापा केवल बीएमआई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है। शरीर की चर्बी (Belly Fat) को मापने और नियंत्रित करने के लिए एमआरआई जैसे सटीक उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
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रोकथाम से बेहतर इलाज
पेट की चर्बी (Belly Fat) और अल्जाइमर के बीच का यह संबंध यह साबित करता है कि स्वास्थ्य समस्याओं को शुरुआती चरण में पहचानना और रोकथाम के उपाय करना बेहद जरूरी है। जीवनशैली में बदलाव और स्वस्थ आदतों को अपनाकर न केवल अल्जाइमर बल्कि अन्य बीमारियों का जोखिम भी कम किया जा सकता है। आईएएनएस