कच्चे दूध को लेकर क्या कहता है अध्ययन : Raw milk health risks
यह भी पढ़ें: प्रतिदिन कितने अंडे खाना स्वास्थ के लिए सही कच्चे दूध (Raw milk health risks) को लेकर हाल ही में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा अध्ययन किया गया जिसमें पता चला है कि कच्चे दूध में लंबे समय तक फ्लू वायरस और संक्रमण का खतरा रहता है। अध्ययन में यह भी बात चला है कि इन्फ्लूएंजा वायरस कच्चे दूध में रेफ्रिजेरेटेड तापमान पर पांच दिनों तक सक्रिय रह सकता है।किन लोगों को नहीं पीना चाहिए कच्चा दूध : Who should not drink raw milk?
शोधकर्ताओं ने यह बताया है कि छोटे बच्चों बुजुर्गों गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों को कच्चे दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी अध्ययन किया कि इंफ्लुएंजा स्ट्रेन सामान्य रेफ्रिजेरेटेड तापमान पर कच्चे दूध में कितने समय तक सक्रिय रहता है। उनके निष्कर्षों के अनुसारए यह वायरस पांच दिनों तक संक्रामक बना रहता है। इस स्थिति में यदि कोई व्यक्ति कच्चा दूध पीता है तो उसे संक्रमण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना करने का खतरा होता है।कच्चा दूध पीने से होने वाले नुकसान : Harmful effects of drinking raw milk
कच्चा दूध पीने से स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैंण्ण्ण्- कच्चे दूध में ईण् कोलाईए सैल्मोनेलाए लिस्टेरिया और कैंपिलोबैक्टर जैसे हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद होते हैंए जो पेट में दर्दए दस्त और उल्टी जैसी समस्याओं को उत्पन्न कर सकते हैं।
- कच्चे दूध में इन्फ्लूएंजा वायरस रेफ्रिजरेटर के तापमान पर पांच दिनों तक जीवित रह सकता हैए जिससे फ्लू और अन्य संक्रामक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।
- कच्चा दूध पाश्चुरीकरण की प्रक्रिया से नहीं गुजरताए जिसके कारण यह पेट में दर्द और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
- बच्चों के लिए कच्चा दूध गंभीर दस्त और निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवाए उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।