रैबिट फीवर क्या है : Rabbit fever in America
यह एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी के पीछे का कारण फ्रांसिसेला टुलारेंसिस नामक बैक्टीरिया है। इस बैक्टीरिया से इंसान, जानवर, खासकर खरगोश, चूहे, और अन्य छोटे स्तनधारी संक्रमित होते हैं। इस बीमारी के होने के पीछे का कारण हवा, पानी, संक्रमित जानवरों या कीड़ों के काटने को माना जाता है। यह भी पढ़ें
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जानिए रैबिटी फीवर के लक्षण
जब किसी को यह फीवर (Rabbit fever in America) होता है तो उसमें तेज बुखार, ठंड लगना, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी और दस्त, त्वचा पर घाव, खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या हो सकती है।रैबिटी फीवर बचाव उपाय
रैबिटी फीवर से बचने के लिए आपको संक्रमित जानवरों से दूरी बनाए, सुरक्षा उपकरण पहनें, कीड़ों से बचाव करें, स्वच्छता का ध्यान रखें, जानवरों के मांस को अच्छी तरह पकाएं, हवा से बचाव करें जैसे आदि उपाय शामिल है। यदि आप ऐसी जगह जा रहे हैं जहां पर टुलारेमिया फैलने की संभावना है तो आप मास्क पहनकर बाहर निकले। साथ ही भोजन के बाद और पहले हाथ जरूर धोएंं। यह भी पढ़ें
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रैबिटी फीवर की मृत्यू दर क्या है
सीडीसी इन मामलों पर अपनी नजर रख रहा है। यदि इसका उपचार नहीं किया जाता है तो यह जानलेवा हो सकता है। सीडीसी की रिपोर्ट्स के अनुसार, रैबिट फीवर के केसों में मृत्यु दर आम तौर पर दो फीसदी से कम होती है. हालांकि, जीवाणु तनाव के बेस पर ज्यादा भी हो सकती हैं। रैबिट फीवर” का वैज्ञानिक नाम “टुलारेमिया” है। यह भी पढ़ें