धूम्रपान छोड़ने पर क्यों पड़ता है दिल का दौरा Why does quitting smoking lead to heart attack?
जितना आसान धूम्रपान (Smoking) के रोगियों को छोडने की सलाह देना है उतना आसान इसे छोडना नहीं है क्योंकि यदि कोई व्यक्ति इसको अचानक छोडने की कोशिश करता है तो उसको दिल का दौरा पड सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। तम्बाकू में ऐसे रसायन मौजूद होते है जो दिल को नुकसान पहंचाते है जिनमें निकोटीन शामिल है जो हमारे रक्तचाप को बढ़ा देता है। जिससे हमारे दिल पर अतिरिक्त तनाव आ जाता है। तम्बाकू में मौजूद निकोटीन दिल और अन्य अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को कम कर देता है जिससे धूम्रपान (Smoking) से निकलने वाला टार फेफडों पर कालिख की तरह जम जाता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। धूम्रपान की वजह से धमनियों की दिवारों में भी बदलाव होने लगते है और वे संकरी हो जाती है। जिससे प्लाक जमने जैसी स्थिति बनने लगती है और रूकावट पैदा होने लगती है और फिर यही वजह दिल का दौरा पड़ने की बन जाती है।
धूम्रपान छोड़ने पर हृदय पर असर? Effects of quitting smoking on the heart?
जब कोई व्यक्ति धूम्रपान (Quit Smoking) छोड़ता है उसको दिल का दौरा पडने का जोखिम होता है लेकिन 5 साल बाद धूम्रपान छोड़ने पर दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 60 प्रतिशत तक कम हो जाता है। धूम्रपान (Smoking) छोड़ने के शुरूआती चरण की बात करे तो बदलाव धीमे देखने को मिलते हैं कुछ हफ्तों तक दिल की धडकन धीमी हो सकती है और रक्तचान स्थिर हो जाता है। खून में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर भी कम हो जाता है। डाॅक्टर कहते है कि पहले दो सालों में धमनियों में कोई बदलाव नहीं होता है लेकिन खून के धक्के जमने की प्रवर्ति कम हो जाती है। निकोटीन प्लेटलेट्स की संख्या को बढा देता है जिससे वे आपस में चिपक जाते है और खून को चिपचिपा बना देते है।
धूम्रपान छोडने से कफ जैसी स्थिति से छुटकारा पाया जा सकता है क्योंकि धूम्रमान (Quit Smoking) छोडने के बाद फेफड़े बलगम, टार, और धूल से खूद को साफ करने लगते है। धूम्रपान छोडने के बाद आप चिंता मुक्त होने लगते हो। धूम्रपान छोडने की स्थिति में कुछ रोगियों के वजन में बढ़ोतरी हो जाती है।